बदल रहा देश, अब धनतेरस में चरित्र व स्वास्थ्य पर नहीं ध्यान देता, वो कार-मोटरसाइकिल, सोने-चांदी की खरीद में ही सुख ढूंढने लगा है
कल धनतेरस था। बाजार में बहुत भीड़ थी। बर्तन की दुकानों से ज्यादा, सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात की दुकानों पर ज्यादा भीड़ नजर आई और फिर जो भीड़ बची, वह मोटरसाइकिल व कारों की दुकानों पर देखी गई। जिसके पास जितने अधिक पैसे, लोग उसका उतना ही प्रदर्शन करने में लगे थे। मोटरसाइकिलों व कारों की खरीदनें में भी लोग इस बात का ध्यान रख रहे थे, कि कौन कितनी महंगी मोटरसाइकिल व कार खरीद कर, एक दूसरे की छुट्टी कर रहा है।
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