छठ की छटा में आकंठ डूबा बिहार-झारखण्ड, विभिन्न जलाशयों के किनारे छठव्रतियों का उमड़ा जन-सैलाब, छठ की महिमा बताने में दैनिक भास्कर सभी अखबारों से आगे

पूरे बिहार-झारखण्ड में कार्तिक शुक्ल रवि षष्ठी व्रत धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अर्घ्य देकर सभी छठव्रतियों और उनके परिवार के सदस्यों ने स्वयं को कृतार्थ किया और भगवान भास्कर को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने सभी छठव्रतियों के इस प्रथम अर्घ्य को स्वीकार किया।

बिहार-झारखण्ड में छठ व्रत के दिन विभिन्न घाटों व तालाबों की शोभा देखते बन रही है। ज्ञातव्य है कि इस दिन बिहार-झारखण्ड में एक प्रकार से जन सैलाब पूरे परिवार के साथ विभिन्न नदियों के तटों व तालाबों के किनारे विभिन्न परिधानों को पहन, माथे पर विभिन्न प्रकार के फलों व ठेकुओं से लदे दौरा को लेकर पहुंच जाता है।

इस दिन खासकर गंगा के किनारे या जहां सूर्य मंदिर स्थित हैं, उस जगह की शोभा देखनेलायक होती हैं। वहां का एक-एक पल जैसे-जैसे सूर्य अस्त होते हैं, वैसे-वैसे बदलती रहती हैं, जिसे देखकर कोई भी व्यक्ति उन दृश्यों को देख भावुक हुए बिना नहीं रह पाता। आज से करीब 40-45 वर्ष पहले इस व्रत को बुढ़-पुरनिया किया करते थे, पर इन दिनों आजकल इस व्रत को युवा पीढ़ियों ने भी हाथों-हाथ ले लिया है।

बिहार का तो यह लोक पर्व हैं, पर यह वैश्विक हो चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्री आवास पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया वहीं शायद ही कोई बिहारी ऐसा बिहार में रहा होगा, जो विभिन्न घाटों या तालाबों का रुख नहीं किया होगा। यही हाल झारखण्ड में भी आज देखने को मिला। इस बार झारखण्ड में विभिन्न छठ-पूजा समितियों ने विभिन्न तालाबों का बड़े ही सुंदर ढंग से सौन्दर्यीकरण किया था, जिससे छठ व्रतियों और उनके परिवारों को कोई कष्ट का सामना नहीं करना पड़ा।

इधर छठ व्रत और उसकी महिमा को लेकर विभिन्न अखबारों में भी होड़ दिखी। जिसमें इस बार दैनिक भास्कर ने बाजी मार ली। प्रथम और अन्य पृष्ठों पर इस अखबार ने छठ को लेकर रोचक सामग्रियां जनता के बीच रखी, जो यहां चर्चा का विषय बना रहा। कल चूंकि सुबह में द्वितीय अर्घ्य दिया जायेगा और इसी के साथ छठ व्रत संपन्न हो जायेगा।