क से ‘कमल’, क से ‘केला’ और ट से टूट गया ‘गठबंधन’, म से मजबूत ‘महागठबंधन’
ले लोटा, ये क्या हो गया? केला वाले भाई और कमल वाले भाई दोनों एक दूसरे को गीदड़भभकी भी दे रहे थे और दुनिया को दिखाने के लिए एक दूसरे के सामने मूंछ भी सहला रहे थे, ये कौन सी बीच में बात आ गई कि कुछ घंटे में ही गठबंधन तिनके की तरह बिखड़ गया, सच्चाई यही है कि आजसू का पूरे झारखण्ड में उतना ज्यादा जनाधार नहीं हैं, पर उसकी महत्वाकांक्षा बहुत बड़ी हैं, वह चाहता है कि सत्ता किसी की भी हो,
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