अपनी बात

कौन किसको निकाला भाई? ऐसा करने से कौन किसको कमजोर कर रहा, जरा माथा पर ठंडा तेल लगाकर सोचियेगा

भाई जाड़ा के दिन में भी कभी-कभी माथा गरम हो जाता हैं, ऐसे में कोई भी ठंडा तेल मिले, जैसे – हिमताज तेल, हिमगंगे तेल या नवरत्न तेल, इसका उपयोग करिये, ताकि माथा ठंडा रहे और आप अच्छा निर्णय ले सकें, कही ऐसा नहीं कि चुनाव के समय लिये गये ऐसे निर्णय आपके लिए ही आपको मुख्यालय पर सदा के लिए शटर गिरवा दें।

यह हमेशा याद रखिये, नेता से पार्टी नहीं चलती, कार्यकर्ताओं से पार्टी चलती हैं, अगर कार्यकर्ता नाराज हैं तो उसकी नाराजगी को समझिये, नहीं तो वो चाणक्य की तरह अगर चुटिया खोला, तो अभी तो रघुवर दास और लक्ष्मण गिलुवा ही हार रहे हैं, अरे भाजपा के नेताओं की सभा में भाषण सुनने को आदमी ही नहीं मिलेगा, इसे समझने की कोशिश करिये, और जनता तो यह मजा अभी दिखा ही रही हैं, आपके ही मूर्धन्य नेता राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और अमित शाह की सभा से भीड़ गायब हैं और आप खुला खेल फर्रुखाबादी खेल रहे हैं।

ये जो आपकी पार्टी में ये चल रहा है कि फलां को फलां का चेहरा अच्छा नहीं लग रहा हैं,  इसलिए उसे टिकट मत दो, उसको पार्टी से निकाल दो, ये आपके ही पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं, आप कह रहे हैं कि आपने सरयू राय, बड़कुंवर गगराई, दुष्यंत पटेल, महेश सिंह और अमित यादव को पार्टी से निकाल दिया, अरे भाई ये लोग तो आपकी पार्टी को कब का बाय-बाय कर दिये, तभी तो आपके खिलाफ निर्दलीय या किसी अन्य दल का सहारा लिया, आप बेवजह उन्हें पार्टी से निकालने का दिखावा क्या कर रहे हैं।

ऐसे भी आपकी कौन सी पार्टी दूध की धुली है, कि जिसमें चले जाने से इन लोगों का जीवन सुधर जायेगा, फिलहाल तो आपको भानुप्रताप शाही, शशिभूषण मेहता, ढुलू महतो, विरंची नारायण जैसे महापुरुषों की जरुरत हैं, ताकि राज्य व देश की जनता जान सकें कि केवल आपकी ही पार्टी है, जो यौन-शोषकों, हत्यारों, अश्लील विडियो बनानेवालों व भ्रष्टाचारियों को शत प्रतिशत संरक्षण ही नहीं करती, बल्कि उनके मान-सम्मान का बेहद ख्याल रखती हैं, प्रधानमंत्री के मंच पर ऐसे लोगों को बुलाकर जनता से परिचय करवाती हैं।

इसीलिये तो डंके की चोट पर एक आपका ही सांसद निशिकांत दूबे ने लोगों से कहा था कि भाजपा गुंडा, बदमाश, लंपट को भी टिकट दे दें तो उसे चुनाव जीताइये, क्यों याद हैं कि भूल गये? मत भूलियेगा, इसे गांठ बांधकर रखियेगा, क्योंकि देश यही लोग चलायेंगे, रही बात विद्वानों की, तो ऐसे लोगों से भाजपा को क्या मतलब?

सुनने में तो यह भी आया है कि जमशेदपुर में रघुवर भजन न गाने के कारण आपने कई अर्जुन व सरयू भक्तों को पार्टी से निकाल दिया, इसका क्या परिणाम निकलेगा, शायद आपको मालूम नहीं, इसलिए अभी भी वक्त है, अभी तीन चरण के चुनाव बाकी है, कही लेने के देने न पड़ जाये, इसे याद रखे।

हजारीबाग व रामगढ़ से सर्वेश सिंह,संजय सिन्हा, मिथिलेश पाठक, त्रिभुवन प्रसाद और जमशेदपुर से अमरप्रीत सिंह काले, सुबोध श्रीवास्तव, असीम पाठक, रजनीकांत सिन्हा, सतीश सिंह, रामकृष्ण दूबे, डीडी त्रिपाठी, राम नारायण शर्मा, रतन महतो, हरे राम सिंह, मुकुल मिश्रा को प्राथमिक सदस्य से निष्कासित करने से आपका ही बैंड बजेगा, ये समझ लीजिये, क्योंकि ग्रह व नक्षत्र बता रहे हैं कि उड़ता हाथी, झारखण्ड के जंगलों में दलदल में फंस गया हैं, समझे कि फिर बढ़िया से समझाएं।

One thought on “कौन किसको निकाला भाई? ऐसा करने से कौन किसको कमजोर कर रहा, जरा माथा पर ठंडा तेल लगाकर सोचियेगा

  • राजेश कृष्ण

    समझनेवाले होते रो समझ चुके होते,पर ये चूकते रहे, चिड़िया खेत चुग गई.।

Comments are closed.