हम ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसन्द नहीं करते, कहनेवालों को आई अक्ल, देवेन्द्र ने दिया इस्तीफा
तीन पहिये की सरकार अपने बोझ तले जब दबेगी तब दबेगी, फिलहाल आपने आधुनिक चाणक्य यानी अमित शाह को तो कही का नहीं छोड़ा, इसे स्वीकार कीजिये। अरे जब बहुमत नहीं हैं, तो तीन-पांच करने की जरुरत क्या है? छोड़ दीजिये उनलोगों के लिए जो तीन-पांच कर, येन-केन-प्रकारेण महाराष्ट्र की सत्ता संभालने के लिए उतावले हैं, क्योंकि जनता भी तो देख लें कि जिन्हें उन्होंने बहुमत दिया, उन्होने अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपनाएं,
Read More