अपनी बात

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कोरोना काल में सेवा कार्य को लेकर राजनीतिक दीवारें ढहीं, युवाओं ने मिलकर दिया झारखण्ड को सहारा

भले ही कोरोना ने हमारे जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया हो, हमारे अपनों में से कई के जीवन लील गया हो, पर सच्चाई यह भी है कि इस कोरोना ने ऐसे युवाओं को भी हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया, जिससे कोरोना के हालत ही कई स्थानों पर पस्त होते दीखे, हम यह कह सकते हैं कि जब-जब देश या समाज में इस प्रकार की परिस्थितियां बनेगी, जब जीवन पर संकट आयेगा तो निश्चय ही ऐसे युवाओं से लोगों की आस बनेगी, और ये युवा उन आशाओं को पूर्ण करने में कामयाब होंगे।

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अभी तो मुफ्त कफन मिलने की बात है, जल्द ही मुफ्त कफन की चोरी करनेवाले यानी कफनचोर भी हर मुहल्ले में दिखेंगे, दिक्कत क्या है?

हेमन्त जी, ये मुफ्त कफन देनेवाला आइडिया किस महान सलाहकार का है? ऐसे महान विभूतियों का दर्शन जनता को कराइये क्योंकि इनकी कृपा से ही राज्य में जल्द ही कफनचोर भी आनेवाले समय में दिखाई पड़ेंगे, क्योंकि जो भी योजनाएं बनती है, उन योजनाओं का बंटाधार करनेवाले लोगों की उत्पत्ति भी उसी समय हो जाती है, ऐसे में जहां तक मेरा मानना है कि आम तौर पर दुनिया का कोई व्यक्ति सब कुछ कहलाना पसन्द करता हैं, पर कफनचोर कहलाना पसंद नहीं करता, अब राज्य में जल्द ही कफनचोर भी दिखाई पड़ेंगे,

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डाक्टरों/पत्रकारों के लिए काल बने हेमन्त सरकार के मंत्री व पुलिस पदाधिकारी, सरयू राय ने सरकार की साख पर उठाए सवाल  

 

जमशेदपुर पूर्व से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कल यानी 24 मई 2021 को एक ट्विट किया, उनके द्वारा किया गया यह ट्विट सारे मामले की पोल खोल देता है। वो ट्विट है – “बंद कांतिलाल अस्पताल में चल रहे एडवांस डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक कौन है? क्या ये सरायकेला जिला के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के साले हैं, जहां फर्जी मुकदमा कर डा. आनन्द को जेल भेजा गया? क्या इस सेंटर के सत्तापक्ष के एक रसूखदार नेता परिवार का पार्टनरशिप है? ये सवाल जवाब मांगते हैं।”

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झारखण्ड पुलिस पर लिखी खबर, बड़े पुलिस अधिकारियों को नहीं आई रास, पत्रकार को थाने पर बुलाकर की पूछताछ

कल यानी 23 मई को देर रात हमने अपने वेबसाइट विद्रोही 24 पर एक न्यूज डाली। उस न्यूज का हेडिंग था – “झारखण्ड CID या पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं की रेमडेसिविर की कालाबाजारी करनेवाले महत्वपूर्ण शख्स का टेटूआ दबा दें, इसके लिए जिगर चाहिए, जो इनमें नहीं”। शायद यह समाचार राज्य में बैठे बड़े-बड़े पुलिस पदाधिकारियों को रास नहीं आया हैं, क्योंकि इसका परिणाम यह हुआ कि दोपहर होते ही मेरे मोबाइल पर कोतवाली थाने में पदस्थापित दारोगा का फोन आया कि आप कोतवाली थाने में शाम को पहुंचिये,

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ECRKU नेता संतोष तिवारी को रेलकर्मचारियों के बच्चों की चिन्ता, महाप्रबंधक को लिखा पत्र, कोरोना की तीसरी लहर आने के पहले ही हो स्वास्थ्य संबंधी सारी तैयारी

पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के पूर्व सहायक मंत्री संतोष तिवारी ने पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक को एक पत्र लिखा है, पत्र में इस बात का जिक्र है कि कोरोना के संक्रमण काल के दौरान, उसके पहले व दूसरे लहर में सारे रेलकर्मचारी/अधिकारी मिलकर इस कोरोना महामारी से लड़े और सफलता पाई, लेकिन सुनने में आ रहा है कि इसकी तीसरी लहर भी आनेवाली हैं, जो बच्चों के लिए घातक होनेवाली है।

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झारखण्ड CID या पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं की रेमडेसिविर की कालाबाजारी करनेवाले महत्वपूर्ण शख्स का टेटूआ दबा दें, इसके लिए जिगर चाहिए, जो इनमें नहीं

याद करिये, 04 मई 2021 का दिन। रांची के सभी प्रमुख अखबारों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें प्रमुखता से छपती है। बताया जा रहा है कि जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में दो युवक आधा दर्जन रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गये हैं। फिर दो दिन बाद यानी 6 मई को इसी से संबंधित खबरें छपती हैं। इस बार खबर यह है कि पुलिस जांच में यह पुष्टि हुई कि इन युवकों ने अपने मामा के लिए यह रेमडेसिविर खरीदा था।

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रांची सहित देश के 25 शहरों में कोरोना रोगियों की सेवा के लिए निकल पड़े योगदा सत्संग से जुड़े संन्यासी, YSS ने किया विशेष फोन नंबर जारी

कोविड महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी देश के 20 राज्यों के 25 से अधिक शहरों में सेवा कार्य चला रही है। रांची में सहायता के लिए योगदा आश्रम ने 0651-6655500 टेलीफोन नंबर भी जारी किया है। इसके अलावा आश्रम के सदस्यों के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जा रही है। योगदा सत्संग आश्रम ने शुक्रवार को इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

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शर्मनाक, क्या रांची के पत्रकार इतने गये-गुजरे हैं कि वे अपने लिए दो जून की रोटी का भी प्रबंध नहीं कर सकते?

बस अब यही बाकी रह गया था रांची प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष पिंटू दूबे, उसे भी आपने पूरा कर दिया। आपने वो काम किया, हमें लगता है कि जिसके पास थोड़ा सा भी स्वाभिमान होगा, वो इस प्रकार का काम अपने जिंदगी में नहीं कर सकता। क्या रांची का पत्रकार इतना गया-गुजरा है कि वह अपने और अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का प्रबंध नहीं कर सकता? और अगर ऐसा हैं तो यह सारे मीडिया संस्थानों, और मीडिया के नाम पर चल रहे सारे संघों/क्लबों तक के लिए डूब मरने की बात है।

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मीडिया संस्थानों के मालिकों/संपादकों के खिलाफ भूख हड़ताल भी करियेगा और उनसे ये आशा भी रखियेगा कि वे आपकी समाचारों को अपने यहां स्थान भी दें, ऐसा कभी हुआ हैं क्या?

ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ोगे और ये चाहत भी रखोगे कि वो तुम्हे ‘सर’ या ‘राय बहादुर’ की उपाधि दे दें, तुम्हें दौलत से मालामाल कर दें, तुम्हें हर प्रकार की विशेष व्यवस्था कर दें, तो ये नहीं न होगा भाई। इस सब के लिए आपको ब्रिटिश हुकूमत का जासूस या एक शब्द में कह दें तो आपको उसका ‘पिछलग्गू’ या ‘चाटूकार’ बनना पड़ेगा, और जब इनके खिलाफ आप सड़क पर उतरियेगा तो फिर आपको भगत सिंह बनना पड़ेगा और भगत सिंह के साथ क्या होता हैं, हमें नहीं लगता है कि आपको इसके बारे में भी बताना पड़ेगा।

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चुल्लू भर पानी में डूब मरो “रांची प्रेस क्लब” के लोगों व “आक-थू” करनेवालों, CM हेमन्त से मार्मिक अपील विनय मुर्मू की जान बचाएं  

क्यों “रांची प्रेस क्लब” के अधिकारियों याद हैं कि भूल गये, पिछले साल तो जब एक ने आपको आइना दिखाया था, तो भर-भर मुंह “आक-थू करने के लिए फेसबुक व अन्य सोशल साइट का सहारा लिया था, अब फिर तैयार हो जाओ, “आक-थू” करने-कराने के लिए, हो सके तो फिर  विनय मुर्मू के पास पहुंच जाओ, उसका बयान लेने के लिए ताकि तुम्हें
फिर से “आक-थू” करने का अभियान चलाने का मौका मिल जाये, पर इस बार ऐसा संभव हो पायेगा, हमें लगता है कि मुश्किल है।

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