हम योग में भी राजनीति घुसेड़ेंगे, भारत की महान परम्परा व संस्कृति को चोट पहुंचायेंगे चाहे संयुक्त राष्ट्र संघ ही उसका आर्गेनाइजर क्यों न हो?

माफ करिये हर चीज में घटिया स्तर की राजनीति को घूसेड़ना ठीक नहीं। योग को योग ही रहने दिया जाय, अगर किसी को योग में भी नरेन्द्र मोदी या भाजपा दीखता है, तो ऐसे लोगों को हम क्या कहें? हम तो इतना जानते हैं कि योग भारत की मिट्टी से जुड़ा है। यह विश्व को भारत की देन हैं। जिसको लेकर संपूर्ण मानव जाति सजग हुई है और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए योग को अब अपना माध्यम बनाने का प्रयास शुरु कर दिया है।

ये अलग बात है कि कुछ लोग इसमें भी हिन्दु, मुसलमान और पता नहीं क्या-क्या ढुंढने और निकालने लगे हैं। होना तो यह चाहिए था कि हम भारतीय हैं, भारत हमारा है, योग इसी मिट्टी से निकला है, प्राचीन ऋषियों की अमूल्य देन हैं, इसलिए हम इस योग को आत्मसात करेंगे, और जन-जन तक पहुंचायेंगे ताकि सभी भारतीय निरोग रहे, लेकिन जरा देखिये जिस योग को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ सजग हुआ।

भारत की इस प्राचीन ऋषि परम्परा को स्वीकार किया। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। आज सारा विश्व योग दिवस को मना रहा था और हम अपने देश में क्या कर रहे थे, इसमें भी राजनीति के कण ढूंढ रहे थे, स्वयं को अलग कर रहे थे। बयान दे रहे थे। सोशल साइट पर कुछ लिख रहे थे। जरा देखिये, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सोशल साइट फेसबुक पर क्या लिख रहे हैं…

गरीब की मेहनत है योग

भूख को दो वक्त रोटी है योग

किसान को सम्मान है योग

वंचित को अधिकार है योग

स्वस्थ रहने का साधन है योग

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और जोहार। तो भाई शुरुआत अपने घर से करिये। अगर गरीब की मेहनत का नाम योग है। भूखों के लिए रोटी ही योग है, किसानों के सम्मान का नाम ही योग है, वंचितों को अधिकार देने का नाम ही योग हैं तो अपने घर से इसे प्रारम्भ करिये। कहिये अपने लोगों को विधायक, सांसद आदि से मोह त्यागें और उन जगहों पर गरीबों को स्थान दें, किसानों व वंचितों को स्थान दें, आखिर आप ऐसा क्यों नहीं करते।

बनिये कबीर, बनिये बिरसा मुंडा, बनिये तिलका मांझी, बनिये नीलाम्बर-पीताम्बर किसने रोका है, दरअसल हर बात में राजनीति का लबादा ओढ़कर इस प्रकार के बयान बताते है कि आपने भारत और भारत की महान परम्परा को नरेन्द्र मोदी और भाजपा में लाकर तौल दिया, अगर आप ऐसा नहीं करते तो ये स्थिति नहीं बनती।

कितने शर्म की बात है, जब पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा था तो झारखण्ड की सरकार और उनमें शामिल पार्टियां इस योग से स्वयं को दूर रखी और पूरे विश्व को बता दिया कि योग से उनका कोई लेना-देना नहीं। रही बात भाजपा की, तो उनकी तो मजबूरी है। पीएम मोदी के अद्भुत प्रयास से यह संभव हुआ है। तो वे तो करेंगे ही और करेंगे वे भी जिन्हें भारत से प्यार है, भारत की संस्कृति से प्यार है, जो संयुक्त राष्ट्र संघ की अहमियत को समझते हैं। जो ये कहते है – “जिसे मान चुकी सारी दुनिया, जिसे जान चुकी सारी दुनिया, वो बात, वो बात ही मैं दुहराता हूं, भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं…”

यहां की राज्य सरकार को ये स्वीकार करना चाहिए कि ममता बनर्जी बनने में आनन्द नहीं, आनन्द ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बनने में हैं, जो बिना किसी राग-द्वेष के जो सही होता हैं, उसका वे अभिनन्दन करते हैं, भारत का मान बढ़ाते हैं। ये क्या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भी राजनीति। वाह भाई। ये तो वही बात हो गई, न तो हम भारत सरकार की बात मानेंगे, न संयुक्त राष्ट्र संघ की बात मानेंगे, न हम अपने पूर्वजों की बात मानेंगे और गोल-मोल बात करके योग या अन्य महत्वपूर्ण दिवस की खिल्ली उड़ायेंगे, तो भाई उड़ाइयें, हम क्या कर सकते हैं, आप सरकार है, आप माई-बाप है, जो मन में हैं करिये, जनता को भी जब जवाब देने को आयेगा तो जवाब दे देगी।

भाजपाइयों को बधाई कि उन्होंने इस महान परम्परा के मूल स्वरुप को स्वीकारा और योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनके सारे प्रमुख नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक इशारे पर योग किया और योग के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया। आइये देखिये, कि योग करने के क्रम में किस भाजपा नेता ने क्या-क्या कहा?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने आज अपने नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर परिवार के सदस्यों के साथ योग किया। श्री प्रकाश ने प्रदेशवासियों एवम भाजपा कार्यकर्ताओं को योग दिवस की शुभकामनाएं एवम बधाई देते हुए कहा कि योग मानवता के लिये वरदान है। इसमें सम्पूर्ण मानव जाति का कल्याण छूपा हुआ है।

भाजपा नेता विधायक दल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि योग आज जहां दुनिया मे महिमा मंडित हो रहा, वही भारत के गांव-गांव तक योग दिनचर्या में शामिल हो रहा है। 21वीं सदी में एक ओर व्यक्ति तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है वही व्यक्ति का जीवन योग से जुड़ रहा। उन्होंने यह भी कहा कि 21 वी सदी में प्राचीनता और नवीनता का अद्भुत संयोग यह योग ही है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार भारत की नई पीढ़ी में योग को लोकप्रिय बनाने की दिशा में हर संभव सार्थक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ एवम निरोग भारत के लिये योग जीवन चर्या का अभिन्न अंग बने। उन्होंने कहा कि कुछ मिनटों के योगाभ्यास से भारत को रोगमुक्त एवम तंदुरुस्त बनाया जा सकता है।