धर्म

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झारखण्डे जगन्नाथः रांची जगन्नाथपुरे निवासिनः नमस्तुभ्यं जगन्नाथः प्रणमामि सुरेश्वरः

झारखण्ड के जगन्नाथपुर में पिछले तीन सौ सालों से भी अधिक वर्षों से विराजमान भगवान जगन्नाथ को कौन नहीं जानता। आज अपने सपरिवार गर्भगृह से निकलकर जनसामान्य को दर्शन के लिए निकल पड़े। जय जगन्नाथ के नारों से पूरा जगन्नाथपुर गुंजायमान हो उठा। क्या छोटा, क्या बड़ा, सभी भगवान जगन्नाथ के रथ को स्पर्श करना चाहते हैं, उन्हें खींचना चाहते हैं,

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जो सेवा को व्यापार बनाकर किसी का मतांतरण करा दे, वह धर्म नहीं, महापाप है

जो सेवा को व्यापार बनाते हुए किसी का मतांतरण करा दें, वो कभी धर्म हो ही नहीं सकता, जो दो रोटी खिलाकर, कपड़े देकर, शिक्षा देकर, स्वास्थ्य लाभ कराकर, किसी का मतांतरण कराकर अपना मेहनताना वसूल लें, वह कभी धर्म हो ही नहीं सकता, और ऐसे लोगों की संख्या अगर सर्वाधिक हो भी जाये, तो ये सभी, किसी जिंदगी में धर्म के मूल स्वरुप को नहीं जान सकते,

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ईश्वरानन्द गिरि ने चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग व ध्यान की महत्ता को बताया

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की चौथी वर्षगांठ आज योगदा सत्संग आश्रम में धूम-धाम से मनाई गई, चूंकि पूरे विश्व में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है, पर चूंकि रविवार के दिन सामान्य व्यक्तियों के लिए अवकाश का दिन होता है, इसलिए योगदा सत्संग आश्रम ने आज के दिन का लाभ उठाया और सामान्य जनों के बीच योग के मूल अर्थ और उसकी भावनाओं से साक्षात्कार कराया।

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अपनी भावपूर्ण कथाओं के माध्यम से बहुत याद आयेंगे भागवताचार्य संत श्रीमणीषभाई जी महाराज

15 मई को महाराष्ट्र के चंद्रपूर से रांची के चुटिया अयोध्यापुरी में भागवत कथा सुनाने के लिए, भागवताचार्य संत श्रीमणीष भाई जी महाराज पहुंचे। भागवत कथा का आयोजन भागवत सेवा समिति अयोध्यापुरी, चुटिया, रांची के लोगों ने किया था। 15 मई से लेकर 23 मई तक चलनेवाली इस भागवत कथा में अयोध्यापुरी, विन्ध्यवासिनी नगर, द्वारकापुरी, कृष्णापुरी, लोअर चुटिया, अपर चुटिया के श्रद्धालुओं ने खुब जमकर आनन्द लिया

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रांची के चुटिया में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं पंचकुंडीय महायज्ञ संपन्न

रचना है तो रचनाकार है और वो आधार परब्रह्म हैं। जितने भी संसार में अणु हैं और जो एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, वे कृष्ण के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। श्रीमद्भागवत कहता है कि श्रीकृष्ण आनन्द को ही कहते है। वहीं एकमात्र सच्चिदानन्द स्वरुप हैं। श्रीकृष्ण ही आकर्षण के केन्द्र है। संसार में कोई भी व्यक्ति हो या वस्तु, सभी को प्रेम और आनन्द चाहिए। प्रेम राधा है तो श्रीकृष्ण आनन्द।

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जिन धर्मांध लोगों को देश में लोकतंत्र खतरे में दिखाई पड़ता हैं वे या तो चुनाव लड़ें या देश छोड़ें

जिस भी धर्मांध व्यक्ति या धार्मिक संस्थानों को भारत में लोकतंत्र खतरे में दिखाई पड़ता है, उसे भारत छोड़कर चले जाना चाहिए, और वहां रहने की कोशिश करनी चाहिए, जहां उसे लगता है कि लोकतंत्र सुरक्षित है, क्योंकि दिल्ली के आर्चबिशप अनिल क्यूटो ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी पादरियों को एक चिट्ठी लिखकर जो संदेश दिया है, वह भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है

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भक्त हो तो सुदामा और मित्र हो तो भगवान श्रीकृष्ण जैसा, जो अपने मित्रों पर सारा ऐश्वर्य लुटा दे

रांची के चुटिया अयोध्यापुरी स्थित वृंदावनधाम में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन महाराष्ट्र से पधारे भागवताचार्य संत श्रीमणीषभाई जी महाराज ने कहा कि प्रत्येक भगवान के भक्त को सुदामा की तरह बनना चाहिए, और प्रत्येक मित्र को भगवान श्रीकृष्ण जैसा होना चाहिए, जो अपने मित्र पर सारा ऐश्वर्य लुटा दें। पूरे संसार में आज तक भगवानश्रीकृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता कही देखने को नहीं मिलती।

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रांची में वृंदावन का सुख पा रहे रांची के चुटियावासी, श्रीकृष्ण रचित महारास के आनन्द में डूबे

जब आप अहंकार में रहेंगे तो ईश्वर को कैसे पायेंगे? ईश्वर को पाने के लिए अहंकार का परित्याग करना होगा, क्योंकि अहंकार ईश्वर को पसंद नहीं, जब आपको स्वयं पर ज्यादा भरोसा हो जाता है तो ईश्वर आपसे बहुत दूर हो जाते हैं, पर जैसे ही आप स्वयं का परित्याग कर यह कहने लगते है कि इसमें मेरा कुछ नहीं, सब प्रभु का किया हुआ है, प्रभु ही सब कुछ हैं, जिन्होंने हमें उपकृत किया हैं

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जो दुसरों को आनन्द दें, वही नन्द बाबा और जो दुसरों को यश प्रदान करें वही मां यशोदा

ईश्वर के पास पहुंचने का नाम उत्सव है। ईश्वर के उत्सव में मजा नहीं होता, क्योंकि जहां मजा होता है, वहां सजा का भी प्रावधान है, पर ईश्वर के उत्सव में सिर्फ आनन्द ही आनन्द है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव एवं उनके बाललीलाओं की चर्चा करते हुए श्रीमद्भागवत कथा के आज पांचवे दिन रांची के चुटिया अयोध्यापुरी में निर्मित वृंदावनधाम में महाराष्ट्र से पधारे भागवताचार्य संत मणीष भाईजी महाराज ने कहा कि जीवात्मा नन्दबाबा है,

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कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।

रांची के चुटिया अयोध्यापुरी स्थित वृंदावनधाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में देर रात तक लोग भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में डूबे रहे। वृंदावनधाम में ऐसा लगा, जैसे मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो, लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म प्रसंग में दीपावली मनाई, नन्दोत्सव के दौरान लूटाएं जा रहे नाना प्रकार के मिठाइयों और उपहारों को पाने के लिए भक्तों व श्रद्धालुओं में होड़ सी दिखी,

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