वास्तविक राजा वहीं जो अपने हृदय के साम्राज्य से कौरव रुपी बुराइयों को निकाल फेंके – ईश्वरानन्द
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, वास्तविक राजा वहीं, जो अपने हृदय के साम्राज्य से सारे कौरव रुपी बुराइयों को निकालकर पांडव रुपी सत्य के सदृश अपने हृदय में ईश्वर का साम्राज्य स्थापित कर लें। उक्त उद्गार आज योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के निदेशक मंडल के सदस्य एवं योगदा सत्संग मठ रांची के प्रशासक स्वामी ईश्वरानन्द गिरि ने भक्ति योग विषयक आध्यात्मिक व्याख्यान के क्रम में प्रकट किये।
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