हेमन्त सरकार को अस्थिर करने के लिए झारखण्ड में “ज्योतिरादित्य” की खोज?, भाजपा में मगजमारी शुरु, सम्पर्क में हैं कई नेता
भारत का कोई मतदाता यदि वह यह विश्वास रखता/करता है कि जिसे वो चुना है अथवा जिसे वह अपना नेता मानता है, वह उसके विश्वास पर खड़ा उतरेगा, उसके मत का सम्मान करेगा तो वह मतदाता महामूर्ख है। भारत का कोई भी राजनीतिक पंडित, अगर किसी नेता के पाला बदलने पर उसके पूर्व के बयानों को लेकर, अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है, तो वह भी महामूर्ख है,
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