बेचारे प्रदीप यादव, आज भाजपा में होते तो न उनके पीछे पुलिस होती और न ही वे कोई चुनाव हारते, निश्चय ही आराम से वे बम-बम कर रहे होते
बेचारे प्रदीप यादव, आज भाजपा में होते तो न उनके पीछे पुलिस होती और न ही वे कोई चुनाव हारते, निश्चय ही आराम से वे बम-बम कर रहे होते, सरकार उनकी जय-जयकार कर रही होती, उन्हे बचाने के लिए पूरा सिस्टम उनके आगे-पीछे लगा देती, उनके पीछे अगर कोई केस भी लगा होता तो उन केसों को हटाने के लिए जोर लगा दी होती।
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