शर्म करो, रांची के पत्रकारों, अपने स्वार्थ के लिए गरीबों का मजाक उड़ाते हो, उन्हें जबर्दस्ती धरती चूमने को कहते हो
जरा देखिये, रांची के पत्रकार कर क्या रहे हैं? वे गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं, जो लोग रांची पहुंच रहे हैं, उन्हें दिशा-निर्देश दे रहे हैं। मुंबई के फिल्म निर्देशकों की तरह असहाय लोगों को पोज देने को कहते हैं, वे कहते हैं कि इधर आइये। जमीन पर बैठ जाइये। धरती को चूमिये। और जैसे ही ये गरीब लोग, इनके कहने में आकर वो सब कुछ करने लगते हैं, तो वे इन सबका विजूयल उतारते हैं, विडियो बनाते हैं, धड़ा-धड़ फोटो खींचने लगते हैं।
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