भूलिये मत, आज ऐतिहासिक दिन है, आज ही के दिन 1941 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत में अंतिम बार देखा गया था
भूलिये मत। आज ऐतिहासिक दिन है। आज ही के दिन 1941 यानी 18 जनवरी 1941 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस
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Read Moreअभिनन्दन करिये, विवेकानन्द विद्या मंदिर में पढ़ाई कर रहे होनहार बच्चों का, जिनके पाइप बैंड ने पूरे झारखण्ड में धूम
Read Moreमुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज विश्व बाल दिवस के अवसर पर यूनिसेफ, झारखंड से जुड़े बाल पत्रकारों ने मुलाकात कर
Read Moreआज सुविज्ञा की दादी, सुविज्ञा के लिए घरौंदा सजा रही थी। दूर मुंबई में बैठी पांच वर्षीया सुविज्ञा अपनी दादी
Read Moreदस वर्षीय ज्ञानेश आज दादाजी के साथ धनतेरस का मेला देखने गया था। धनतेरस के मेले में लोगों की भारी
Read Moreमुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज ऑड्रे हाउस, रांची में 3 नवंबर से 5 नवंबर 2023 तक आयोजित “चाइल्ड आर्टिस्ट एग्जिविशन”
Read Moreप्यारे बच्चों, आओ तुम्हें झारखण्ड के एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से जुड़ी एक कहानी सुनाता हूं। ये जरुरी
Read Moreकस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, खूंटी की दस छात्राओं ने JEE-MAIN 2023 क्वालिफाई किया है। ये उपलब्धि उपायुक्त, शशि रंजन
Read Moreबाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में यूनिसेफ के बाल पत्रकारों
Read Moreजय गुरु। पहली बार रांची मेरा पदार्पण 4 जून 1985 को हुआ था, क्योंकि 5 जून को मेरी शादी रांची में थी। मेरी पत्नी उस वक्त योगदा सत्संग विद्यालय की नौंवी कक्षा की छात्रा थी, उनके हाथों में कई बार योगी कथामृत मैंने देखा था, पर कभी पढ़ नहीं सका। उसी समय से कभी कभार योगदा सत्संग आश्रम में आना – जाना लगा रहा, कभी योगदा सत्संग द्वारा चलाये जा रहे औषधालय गया तो कभी योगदा सत्संग द्वारा चलाये जा रहे मोतियाबिंद के आपरेशन में शामिल हुआ।
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