SC व EC सुनिश्चित करें कि रामजन्मभूमि पर आये फैसले का झारखण्ड चुनाव में राजनीतिक फायदें के लिए इस्तेमाल न हो – CPIML
यह महत्वपूर्ण है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला किसी भी तरह से 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस की कायरतापूर्ण और आपराधिक घटना को सही नहीं ठहराता है। लेकिन यह निर्णय विवाद का यथार्थपरक समाधान करने में भी असफल रहा है – स्वयं न्यायालय द्वारा बताया गया आधार और निकाले गये निष्कर्ष के बीच की असंगति इसे अस्पष्ट और यथार्थ से दूर कर रही है।
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