शरजिल ने अपने भाषण से शाहीन बाग की सच्चाई के साथ-साथ जेएनयू, राहूल और केजरीवाल के मुख से भी नकाब हटाया

जेएनयू के स्टूडेंट शरजिल इमाम के बयान ने पूरे देश में हलचल मचा दी है, लोग हैरान है कि कोई स्टूडेंट वह भी जेएनयू का खूलेआम इस प्रकार का वक्तव्य कैसे दे सकता है, और लोग उसके इस वक्तव्य का तालियां बजाकर कैसे स्वागत कर सकते हैं, पर यह हुआ है, वह भी शाहीनबाग में हुआ है, जिस शाहीनबाग के आंदोलन का समर्थन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियां, यहां तक की वामपंथी तथा स्वयं को बुद्धिजीवी कहलानेवाले लोगों ने भी किया है। यह आरोप 25 जनवरी को भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस कर लगाया है।

जरा देखिये शरजिल ने कहा क्या है? शरजिल पूर्वात्तर और असम को भारत से मिटाने की बात करता है। वह भारतीय सेना को रोकने के लिए पटरियों पर मवाद डालने की बात कर रहा है। वह कहता है कि कन्हैया जैसे लोग असम जाकर क्या करेंगे, ऐसे लोग तो वहां जाकर फोटो सेशन करायेंगे। चिकन नेक मुसलमानों का है। वह कहता है कि अवाम गुस्से में हैं, मुसलमान गुस्से में हैं, इसलिए इसका प्रोडक्टिवली यूज करना है। मुस्लिम लोगों का ग्रुप बनाये। गैर मुसलमान हमारे शर्तों पर आयेंगे। हम उनके पास क्यों जाये। वह इंडियन नेशन को पूजा करनेवालों के खिलाफ भी आग उगलता है।

हालांकि असम सरकार ने शरजिल इमाम की बातों पर संज्ञान लेते हुए उस पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज करने का फैसला लिया है। दिल्ली पुलिस इस पर क्या रुख अपनाती है। केन्द्र इस पर क्या रवैया अपनाता है, देखना बाकी है,पर इतना तो तय है कि शरजिल इमाम के इस भाषण से शाहीनबाग में चल रहे इस कार्यक्रम का असली चेहरा सामने आ गया। कांग्रेस के राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल का चेहरा भी सामने आ गया, क्योंकि ये दोनों नेता खुलकर शाहीनबाग में चल रहे आंदोलन का खुलकर समर्थन कर रहे थे, तथा वामपंथियों का भी चेहरा खुलकर सामने आ गया।

भाजपा नेता संबित पात्रा ने इस शाहीनबाग में शरजिल इमाम द्वारा दिये गये भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, तथा कहा कि जेएनयू के इस छात्र का यह भाषण सिद्ध कर देता है कि जेएनयू में देश के टूकड़े-टूकड़े करनेवाले गैंग के लोगों ने देश की क्या हालत करने की ठान ली है। उन्होंने शाहीनबाग को तौहीनबाग बताते हुए कहा कि यह दिशाहीन बाग है।

संबित पात्रा ने इस दौरान कविता भी सुनाई, कविता के बोल थे…

मैं शाहीन बाग हूं,

जी हां शाहीन बाग हूं

हाथ में तिरंगा, मन में दंगा,

अमन चैन को डसनेवाला,

मैं जहरीला नाग हूं, हां मैं शाहीन बाग हूं…

महिलाओं के आड़ में,

नफरत की बाड़ में,

हर शहर में लाल चौक हूं,

मैं पाक-परस्तों का सब्जबाग हूं,

मैं शाहीन बाग हूं,

हो कत्लेआम,

हो सड़क जाम,

मेरा मकसद है, देश जले

मैं नफरत की छुपी आग हूं, मैं शाहीन बाग हूं

इधर कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र में शासन कर रही शिव सेना ने साफ कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए पर मोदी सरकार के साथ है। पार्टी का कहना है कि पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान से आये मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर कर देना चाहिए।

One thought on “शरजिल ने अपने भाषण से शाहीन बाग की सच्चाई के साथ-साथ जेएनयू, राहूल और केजरीवाल के मुख से भी नकाब हटाया

  • January 26, 2020 at 8:51 am
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    अत्यंत चिंतनीय..खतरनाक तत्काल कार्रवाई हो

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