अपनी बात

अपनी बात

ये दृश्य आंखों को सुकून देनेवाला/विश्वास दिलानेवाला है कि भारत में किसी भी दल का शासन क्यों न हो, भारत की आत्मा कभी मर नहीं सकती

ये दृश्य आंखों को सुकून देनेवाला, साथ ही विश्वास दिलानेवाला है कि भारत में या भारत के किसी भी राज्य में किसी भी दल का शासन क्यों न हो, भारत की आत्मा कभी मर नहीं सकती, भारत कभी मर नहीं सकता, भारत की मिट्टी से जुड़ा धर्म कभी विलोपित नहीं हो सकता। उसके लिए कोई आसुरी शक्तियां कितनी भी जोड़ क्यों न लगा लें। वर्तमान समय में जब पूरा जनमानस कोरोना वायरस से भयभीत है,

Read More
अपनी बात

अपने विरोधियों के लिए चोट्टा व जनाजा निकालने की बात कहकर भाजपाइयों ने दोनों सीटें झामुमो गठबंधन को सौंप दी

अपने विरोधियों के लिए चोट्टा, आशिकी, जनाजा आदि भाषा का प्रयोग, क्या यह नहीं बताता कि भाजपा के बड़े नेताओं ने स्वीकार कर लिया कि उनके पास चुनाव लड़ने और जीतने को लेकर उनके पास भाषाओं का घोर अभाव है। पूर्व में भाजपा नेताओं की सभाओं में भीड़ इसलिए लगती थी कि उनके नेताओं में अपने विपक्षियों के लिए भी सम्मान हुआ करता था, कभी बिलो द बेल्ट वे वार नहीं किया करते थे, अगर उनके खिलाफ कोई विलो द बेल्ट वार भी करता तो वे मुस्कुराकर रह जाया करते थे, पर अब स्थितियां बिल्कुल बदल गई है।

Read More
अपनी बात

याद रखिये, पवित्र उद्देश्य से प्रारम्भ किया गया छोटा काम भी विशाल और महान बन जाता है

पवित्र उद्देश्य से प्रारंभ किया गया छोटा काम भी कैसे विशाल और महान बन जाता है, इसका उदाहरण है एसइ, एसइसी एंड इसीओ रेलवेज इम्पलाइज कोपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लि. कोलकाता। जिसकी स्थापना परमहंस योगानन्द के पिता श्री भगवती चरण घोष ने रेलकर्मियों की सुविधा के लिए अरबन बैंक के बतौर 1909 में की थी। सुखद आश्चर्य यह है कि आज की तारीख में इसकी कार्यशील पूंजी 1,757 करोड़ रुपये है।

Read More
अपनी बात

धिक्कार है, उन राजनीतिक दलों, चैनलों-अखबारों को जो लाशों में भी जाति व धर्म देख, अपना उल्लू सीधा करते हैं

 

कभी-कभी मैं सोचता हूं कि कुछ दिनों पहले जैसे कांग्रेस समर्थित शासित महाराष्ट्र में साधुओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, और अब शत प्रतिशत कांग्रेस शासित राजस्थान में एक ब्राह्मण को जिन्दा जला दिया गया, इन दोनों जगहों पर अगर भाजपा का शासन होता और मरनेवालों में कोई दलित या अल्पसंख्यक होता तो क्या देश के अखबारों, चैनलों, पोर्टलों, कांग्रेसियों, वामदलों, जनसंगठनों, तथाकथित स्वयं को सेक्यूलर बतानेवाले लोग इसी तरह चुप्पी साधे रहते?  

Read More
अपनी बात

संपूर्ण क्रांति और जेपी को छोड़िये जी, हम इमरजेंसी में जेल गये, इसलिए पेंशन चाहिए

 

कल की ही तो बात है, पूरे देश में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई जा रही थी। उस लोकनायक की, जिन्होंने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया। जिन्होंने हर क्षेत्र में नई क्रांति कर, नई सोच के साथ समाज व देश निर्माण की कल्पना की थी, पर उनके मरते ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चेलों ने क्या किया? सर्वप्रथम उनके आदर्शों का ही गला घोंटा दिया।

Read More
अपनी बात

राजस्थान में मंदिर माफी की जमीनों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिए कानून लाए गहलोत सरकार – ब्राह्मण महासभा

राजस्थान के सपोटरा में पुजारी बाबूलाल वैष्णव जी की निर्मम हत्या के बाद पूरे राजस्थान में मंदिर माफी की जमीनों को अतिक्रमणों से मुक्त करवाने हेतु सरकार को एक कानून लाने के लिये एक ठोस फैसला करने की आवश्यकता है। इसके लिये सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि पूरे प्रदेश में लाखों बीघा जमीन जो कि मंदिर माफी की है, उन पर अतिक्रमणकारियों की नजर रहती है,जिस पर अवैध कॉलोनियां बसा दी जाती है।

Read More
अपनी बात

बधाई हेमन्त जी आपके इस ऐतिहासिक फैसले को, लॉटरी सिस्टम से पोस्टिंग किये गये 24 नवनियुक्त खेल अधिकारी

बधाई दीजिये, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को, जिन्होंने वो काम किया, जिसे आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया। आम तौर पर जो आरोप लगता रहता है कि फलांने अधिकारी को फलांने जगह पैरवी या पैसे के बल पर मनचाहे जगह पोस्टिंग कर दी गई, ये किस्सा ही उन्होंने सदा के लिए समाप्त कर दिया, जब राज्य के सभी 24 जिलों में खेल पदाधिकारियों की नई नियुक्ति उन्होंने लॉटरी सिस्टम से कर दी।

Read More
अपनी बात

जब दैनिक भास्कर जानता है कि “दुष्कर्म किसी जाति, धर्म या मजहब की नहीं पूरी इंसानियत की समस्या है”, तो फिर इसे खुद पर अमल क्यों नहीं कर रहा?

 

जब ‘दैनिक भास्कर’ के ही राजस्थान के एक स्टेट एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत यह स्वीकार करते हैं कि “दुष्कर्म किसी जाति, धर्म या मजहब की नहीं पूरी इंसानियत की समस्या है”, तो फिर ‘दैनिक भास्कर’ ही बताएं कि उसने हाथरस मामले में जातीय उन्माद को बढ़ावा देनेवाले हेडिंग्स का इस्तेमाल क्यों किया? जरा देखिये ‘दैनिक भास्कर’ ने क्या लिखा है – “जातिगत टकराव की ओर हाथरस, पीड़िता के घरवाले बोलेः ठाकुर-ब्राह्मण के गांव में डर कर जी रहे हैं, पर इंसाफ लेंगे”

Read More
अपनी बात

क्या हम सही में अच्छे नागरिक हैं, हमें सरकार की गलतियों पर अंगूली उठाने का हक हैं?

जरा सोचियेगा, ये जरुरी भी है, हम हर बात में सरकार और नेताओं की गलतियां ढूंढ लेते हैं, उन्हें भला-बुरा कहने से नहीं चूकते, हर गलतियों के लिए उन्हें जवाबदेह ठहरा देते है, पर क्या हमने कभी सोचा कि क्या हमें सरकार की गलतियों पर अंगूली उठाने का हक है, वह भी तब जब हम खुद गलतियों को करने में कोई कसर नहीं छोड़ते? यह हम इसलिए कह रहे है कि अभी पूरा विश्व कोरोना के चपेट में हैं और उससे बचने के लिए तरह-तरह के नुस्खों पर अमल कर रहा है।

Read More
अपनी बात

पहले गलती करेंगे, बाद में उसी गलती पर पर्दा डालने के लिए बयान देंगे और जब कोई उन्हें आइना दिखायेगा, तो वे विशेषाधिकार हनन की नोटिस थमायेंगे

पहले खुद गलती करेंगे।  बाद में उसी गलती पर पर्दा डालने के लिए बयान देंगे और जब कोई उन्हें आइना दिखायेगा, तो वे झूठी शान में विशेषाधिकार हनन की नोटिस थमायेंगे, तो झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो भी जान लें कि विद्रोही24, उनकी इस विशेषाधिकार नोटिस से डरनेवाला नहीं, उनकी इस विशेषाधिकार नोटिस का सही समय पर जिस प्रकार वे चाहेंगे, उसका जवाब देगा/भेजेगा

Read More