अपनी बात

अखबारों-चैनलों पर बिना एक पैसे खर्च किये हेमन्त ने महागठबंधन को झारखण्ड में दिलाई अपार सफलता

झारखण्ड में विधानसभा के पांचों चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और इस पांचों चरणों के चुनाव संपन्न हो जाने के बाद जो परिणाम आ रहे हैं, वे बता रहे है कि इस बार हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड में महागठबंधन की सरकार बनना तय हैं और रघुवर दास के कुशासन का अंत होना सुनिश्चित है।

कमाल है, जिस प्रकार से राज्य की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले तक अखबारों और चैनलों पर अनाप-शनाप विज्ञापन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये। अखबारों के संपादकीय पेज तक को रुपये की लालच देकर खरीदा तथा यहां के लगभग सभी अखबारों के संपादकों ने अपने संपादकीय पेज नीलाम तक कर दिये, चैनलों ने अपने आधे घंटे का स्लॉट बेचा।

चैनलों ने कॉनक्लेव करवायें तथा रघुवर दास की आरती उतारी, उससे साफ पता चल गया कि राज्य की रघुवर सरकार सत्ता में आने के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपना रही हैं और इस हथकंडे में राज्य के किस-किस अखबारों-चैनलों के संपादकों की लॉटरियां लग चुकी हैं, जमकर दोनों हाथों से विज्ञापन के नाम पर इन सभी ने राशियां बटोरी। यही नहीं चुनाव के बाद भी भाजपा की ओर से इन अखबारों-चैनलों को जमकर विज्ञापन उपलब्ध कराये गये और इसके बदले सारे अखबार-चैनलों ने भाजपा-भाजपा का रट लगाया।

उसके बावजूद राज्य की जनता पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला, क्योंकि झारखण्ड की जनता जानती थी कि यहां के मीडिया हाउसों ने करोड़ों रुपये में अपनी जमीर नीलाम कर दी हैं। दूसरी ओर हेमन्त सोरेन इन अखबारों-चैनलों से दूरियां बनाई तथा एक भी रुपये इनके अखबारों-चैनलों पर खर्च नहीं किये, जिसका परिणाम यह हुआ कि इन अखबारों-चैनलों ने नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन को वह स्थान नहीं दिया, जो उनका हक था।

यानी झारखण्ड ही नहीं, संभवतः देश का ये पहला राज्य झारखण्ड बना, कि जहां की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी बिना अखबारों-चैनलों पर एक पैसे खर्च किये सत्ता के प्रबल दावेदार के रुप में कदम बढ़ा चुकी है, पहले आम तौर पर कहा जाता था कि सरकार अखबार और चैनल वाले बनाते हैं, बिगाड़ते हैं। किसी नेता का इमेज चैनल या अखबार बाले बनाते हैं या बिगाड़ते हैं, पर झारखण्ड में हुआ उलट, जिसकी इमेज चमकाने के लिए यहां के अखबारों-चैनलों ने अपना जमीर बेचा, आज वहीं कही नहीं दिखाई पड़ रहा, जबकि एक (हेमन्त सोरेन) ने पांच पैसे तक खर्च नहीं किये और वह शान से कह रहे हैं कि मैं सत्ता में आ रहा हूं और यह सत्य भी हैं।

झारखण्ड की जनता को इसके लिए बधाई, जिन्होंने  अखबारों-चैनलों से दूरियां बनाई और अपने विवेक से काम लिया, जमकर मतदान किया, जिनसे नाराज हुए, उन्हें वोट देने के लिए जहमत नहीं उठाई और जिनको समर्थन दिया, दिल खोलकर दिया। आज पहली बार झामुमो ने सभी दलों को रास्ता दिखाया है कि वे पैसे के चक्कर में न पड़े। अखबारों-चैनलों के चक्कर में न पड़ें।

सिर्फ जनता को देखे, उनके लिए लड़ें, संघर्ष करें, फिर देखिये जनता क्या करती हैं, एक बार फिर हेमन्त सोरेन को इसके लिए बधाई, जिन्होंने अखबारों-चैनलों पर एक भी पैसे विज्ञापन के नाम पर खर्च नहीं किये, न ही इन सब को भाव दिया, और अपनी पार्टी को सफलता दिलाई ही, अपने सहयोगियों के लिए भी सफलता का द्वार खोल दिया ।