झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को बिना हेलमेट के दुपहियेवाहन चलाने का विशेषाधिकार है क्या?

ये हैं झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, ये दूसरों को बोलते है कि बिना हेलमेट पहने दुपहिये वाहन न चलायें, क्योंकि ये कानूनन जूर्म है, पर ये स्वयं कानून को ठेंगा दिखाकर, दुपहियेवाहन चलाते हुए वह भी बिना हेलमेट के निकल पड़ते हैं, वे जब बिना हेलमेट के निकलते हैं, तो उनके साथ बिना हेलमेटवाला काफिला भी होता हैं, क्या ऐसा व्यक्ति राज्य को नई दिशा दे सकता हैं, जो स्वयं कानून से खेलने की कोशिश करें, जरा सोचिये…

ताजा मामला जमशेदपुर का हैं, जहां मुख्यमंत्री रघुवर दास स्कूटी से अपने विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाकों का दौरा किया। जनाब सिदगोड़ा होते हुए बारीडीह पहुंचे, जहां जनता से मुलाकात की। विजुयल आपके सामने हैं, निर्णय आप करें। अगर आम जनता बिना हेलमेट के दुपहिये वाहन चला रही होती, तो क्या होता?  आप समझ सकते हैं, पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ही कानून तोड़ रहे हैं, तो इन्हें कौन सजा दिला सकता है भला?

कभी इन्होंने ही भारी भरकम विज्ञापन, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के द्वारा निकाला था, जिसमें ये स्वयं दुपहियेवाहन पर सवार होकर पीछे हेलमेट पहने बैठे हुए तस्वीर डाले थे, जिसमें उपर में लिखा था कि “अगर सीएम हेलमेट पहन सकते हैं तो आप क्यों नहीं!” यानी दूसरे के लिए उपदेश, और वहीं उपदेश स्वयं पर लागू नहीं। वाह रे मुख्यमंत्री…