अपनी बात

अपने होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास झारखण्ड की जनता को इतना बेवकूफ क्यों समझते हैं?

लगता है कि अपने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को किसी ने बहुत अच्छे तरीके से समझा दिया कि अगर आप एक झूठ को हजार बार बोले तो अंततः वह हजार बार बोला गया झूठ, सत्य साबित हो जाता है, शायद यहीं कारण है कि वे विभिन्न जनसभाओं में लगातार झूठ बोलकर कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है। लगता है कि मुख्यमंत्री को ये बतानेवाला यह नहीं बताया कि ये प्रोपेगंडा झारखण्ड की जनता पर जादूई असर नहीं करता, बल्कि झारखण्ड की जनता पर इसका उलटा असर पड़ता है।

समय आने पर ऐसे नेताओं को यहां की जनता वो हश्र कर डालती है कि वो कालांतराल में लालचंद महतो, जलेश्वर महतो, बच्चा सिंह आदि की श्रेणी में आकर,  उन्हीं के जैसा जीवन व्यतीत करने लगता है, जिन्होंने कभी झारखण्ड की जनता के साथ छल कर, एक अच्छी तरह चल रही बाबू लाल मरांडी सरकार को ठीक से चलने नहीं दिया (जिसमें जनाबे आली रघुवर दास भी एक विभाग के मंत्री भी हुआ करते थे), और अपनी क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए राज्य की जनता के साथ धोखा किया।

पता नहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास का कौन फेसबुक पेज देखता है? जिसमें बेसिर-पैर की बातें, खूब लिखी हुई रहती हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री रघुवर दास को इतना फुर्सत कहा, कि वो फेसबुक देखे और लिखे, ये तो कुछ खास लोग होते हैं, जो ये सब देखा करते हैं, और इसके बदले में एक अच्छी खासी रकम, जनाब से वसूलते हैं, वह भी बड़ी ही खुबसुरती से जनता के बीच सीएम रघुवर दास का इमेज उतारकर और जनाबे आली को यह कहते है कि वे उनका इमेज चमका रहे हैं, पर रघुवर दास का कितना इमेज बन रहा है, वह हमसे बेहतर और कौन जान सकता है? जरा देखिये, कल सीएम के फेसबुक पेज पर क्या लिखा हुआ मिला। सीएम के मुखारबिन्द से लिखित में कहलावा दिया गया कि

“14 साल से कांग्रेस और जेएमएम ने विकास के नाम पर झारखण्ड को लूटने का काम किया। अब वो फिर एक साथ हो गये हैं, वो नरेन्द्र मोदी जी को हटाना चाहते हैं, देश में कमजोर शासन चाहते हैं। आप सभी से अपील है कि विकास विरोधी नेताओं को चिह्नित करें। ”

अरे भाई सच्चाई यह है कि 14 सालों में दो-तीन साल ही गैर भाजपाइयों का शासन रहा, जिसमें 11 साल से भी अधिक भाजपा का ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से शासन रहा, जिसमें खुद मंत्री-उपमुख्यमंत्री रहे, और वे इसके लिए भी कांग्रेस और जेएमएम को दोषी ठहराये, क्या ये तर्कसंगत है। अरे थोड़ा तो शर्म करिये, कभी आप भी जेएमएम का झोला ढोकर, उपमुख्यमंत्री बन गये थे, कभी आपकी ही पार्टी ने झामुमो सुप्रीमो एवं दिशोम गुरु के नाम से विख्यात शिबू सोरेन को राज्यसभा में भेजा था, आज आप ही उनके खिलाफ इतना आग क्यों उगल रहे हैं?

आग उगलने के क्रम में आप क्यों ये भूल जाते है? कि जिस 11 सालों के शासन की आलोचना करते हैं, उनमें ज्यादातर मुख्यमंत्री भाजपा के ही थे, भूल गये क्या उनके नाम?  चलिए मैं बता दूं – बाबू लाल मरांडी और अर्जुन मुंडा, दोनों रांची में ही रहते है, कभी उनके घर जाकर मिलिये, तो बतायेंगे कि उन्होंने भी झारखण्ड की जनता की सेवा में उतनी ही ईमानदारी बरती है, जितनी आपने।

कुछ मामलों में तो दोनों आपसे बीस ही निकलेंगे, एक में तो हम गारंटी के साथ कहेंगे कि उन्होंने आपकी तरह एलइडी से प्रचार-प्रसार अथवा दिल्ली-मुंबई में अपना फ्लैक्स या होर्डिंग नहीं ही लगवाया, पर आप तो गजब ढा रहे हैं, पता नहीं, कौन कनफूंकवा? आपके कान फूंक कर, आपका और राज्य दोनों को हिलाकर रख दे रहा हैं और अपना उल्लू सीधा कर रहा है।

आप जिस चतरा में जनता के बीच भाषण दे रहे हैं, उसमें आप जिन-जिन योजनाओं के नाम ले रहे हैं, वे सारी योजना केन्द्र की हैं, आपने क्या किया? आपकी तो सारी योजना आइएएस, आइपीएस, संघ से जुड़े व्यापारी और आपके प्यारे ठेकेदार ही उठा रहे हैं। आम आदमी को क्या चाहिए? वो तो आज भी बिजली और पानी के लिए तरस रही है, और आपने उन्हें दिया क्या? केवल नारा। 

वो नारा भी बता दें – “खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में, शहर का पानी शहर में” और बिजली का तो रोज समय ही घिसक जा रहा है, जबकि आपने कसमें भी खाई कि अगर 2018 तक 24 घंटे बिजली नहीं दी, तो आप किसी से वोट मांगने नहीं जायेंगे, पर जनता जानती है कि आप ये प्रण भी आप पूरा नहीं करेंगे, इसलिए जनता ने खुद संकल्प ले लिया कि “पहले आपकी विदाई, उसके बाद राज्य की बेहतर ढंग से सफाई और फिर कोई दूसरा दल यहां पर राज्य संभालने को आई।”