बाबा बनिये, नेता को धकियाइये और फिर राज्य मंत्री का सत्ता सुख प्राप्त करिये…

ये माडर्न बाबा हैं, इन्हें मोक्ष से ज्यादा मंत्री पद चाहिए, क्योंकि शायद उन्हें इसी से सद्गति मिलेगी। आज के बाबाओं को सत्ता सुख चाहिए। आज के बाबाओं को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी चाहिए, साथ ही आज के बाबाओं को उद्योगपति भी बनना है, इसलिए उन्हें कौड़ी के भाव सरकारी जमीन भी चाहिए, ताकि वे भारत और विश्व के उद्योगपतियों को उनकी औकात बता सकें।

सचमुच देश में सर्वाधिक चोखा धंधा है तो वह हैं बाबाओं का। इस धंधे में न तो जाति की जरुरत हैं और न विद्वता की। बस इसमें सर्वाधिक जरुरत है – धूर्तता रुपी ज्ञान की, और इस ज्ञान की प्राप्ति के लिए आपको कहीं लिखने-पढ़ने की जरुरत नहीं, बस अपना जटाजूट बढ़ाइये, गेरुआ धारण कीजिये, हाथों में कड़ें, गले में तुलसी और रुद्राक्ष की माला लटकाइये, किसी भी सुनसान जगह पर जाकर अपना हेयर स्टाइल तथा चेहरा चमकाकर, कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर, अपना जय-जय कराइये, लीजिए आप आला दर्जे के संत बन गये।

अब तो आप जींन्स पैंट पहन कर भी बाबा बन सकते हैं, क्योंकि नया युग आया है, इसलिए कोई जरुरत नहीं, कि आप गेरुआ धारण करें, जीन्स-टीसर्ट, हिप्पी कट बाल, या लूंगी-पजामा पहनकर भी बाबा के रुप में आ सकते हैं और जब एक बार आप बाबा बन गये, आपको जनता का सर्टिफिकेट मिल गया तो लीजिये, अब आप इससे बहुत सारे काम कर सकते हैं, कई नेताओं, समाज के प्रबुद्ध वर्गों, आईएएस व आईपीएस या उनकी पत्नियों-बच्चों से अपना चरण दबवा सकते हैं। अखबारों में जाकर आप संपादक की कुर्सी पर बैठकर, एक दिन ही नहीं, बल्कि कई दिनों तक संपादकीय कार्य भी कर सकते हैं। साथ ही इसकी आड़ में करोड़ों-अरबों की संपत्ति जमा कर सकते हैं, इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि आप के यहां कोई आयकर अधिकारी छापा मारने भी नहीं आयेगा। यहीं नहीं समय – समय पर राज्य व केन्द्र सरकार को आप धकियाते भी रहिये, इससे आप बम-बम रहेंगे, आपका राजनीतिक कैरियर भी मजबूत रहेगा।

वह मैं इसलिए लिख रहा हूं कि आजकल बाबा ही बाबा, चारों ओर नजर आ रहे हैं, और उनकी इस भयंकर बेरोजगारी में भी खूब चल रही हैं। क्या आप देख नहीं रहे कि कांग्रेस का राहुल बाबा भी, इन दिनों कर्णाटक के विभिन्न मठों-मंदिरों का चक्कर लगा रहे हैं, क्या आपको नहीं मालूम कि दो दिन पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया और ये बाबा अभी मस्ती में होकर, मंत्री पद का परमसुख प्राप्त कर रहे हैं।

भाजपा ने तो कई बाबाओं को टिकट देकर, विधायक या सांसद ही नहीं बनाया, कई को तो मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बना दिया, और इस सत्ता को प्राप्त कर, उन बाबाओं का वैराग्य किस गुफा में जाकर अपना दम तोड़ दिया, समझ ही नहीं आ रहा। वो फिल्म गोपी का गाना, आपने जरुर सुना होगा…

जो होगा लोभी और भोगी, वो जोगी, कहलायेगा… हंस चुगेगा, दाना तूनका, कौवा मोती खायेगा… तो लीजिये कौवा मोती खा रहा हैं, फिर दिक्कत काहे का… भारत बदल रहा हैं, बाबा लोग मंत्री बन रहा है, योगी का भगवा, कुर्सी के रंग में रंग रहा है, इसमें परेशानी काहे का… कभी इंदिरा गांधी और चंद्रशेखर टाइप के नेता भी बाबाओं के चक्कर में अपना कैरियर चमका चुके हैं, याद है कि नहीं चंद्रास्वामी, पायलट बाबा का जमाना, हमारे पास कई बाबाओं के नाम हैं, जो पूर्व में भी कई नेताओं के खासमखास बने हुए थे और उनके खिलाफ किसी के जाने का हिम्मत नहीं हुआ करता था।

ऐसे में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ब्लेकमेल कर कम्प्यूटर बाबा राज्य मंत्री बन गये तो क्या गलत किया, आधुनिक बाबा हैं, फायदा तो उठायेंगे ही। ये वहीं कम्प्यूटर बाबा है, जिन्होंने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने का निर्णय लिया था और जैसे ही मुख्यमंत्री ने इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया, देखिये इनके सुर बदल गये, धन्य हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, धन्य है आज के नेता और धन्य है आज के महान बाबा, जिन्हें वैराग्य की जगह, राज्य मंत्री बनना ज्यादा श्रेयस्कर लगता है… सचमुच भारत बदल रहा हैं…