अपनी बात

विभिन्न चैनलों ने एक-दूसरे को मोदी भक्ति में पछाड़ने के क्रम में झारखण्ड की 12-14 सीटें भाजपा को थमा दी

कल देश के ज्यादातर चैनल भाजपा कार्यकर्ता के रुप में नजर आये। सभी ने एक स्वर से फिर एक बार मोदी सरकार और और आयेगा तो मोदी ही के नारों को अपनी मंजूरी दे दी और फिर शुरु हो गई “मोदी भक्ति।” इसमें कोई दो मत नहीं कि भारतीय राजनीति पिछले पांच वर्षों से मोदी केन्द्रित हो गई है, जिसमें कुछ लोग मोदी के धुर विरोधी हैं, तो कोई मोदी के कट्टर समर्थक हो गये हैं।

और इन दोनों हालतों में देश का जो बंटाधार हो रहा हैं, वह जगजाहिर है, क्योंकि जब आप आंख मूंद करके किसी का विरोध करते हैं तो उसकी अच्छी बातें या अच्छे कार्य भी आपको गौण लगते हैं, और जब आप उसकी बुराइयां करने लगते हैं, जब आप अंधभक्त हो जाते हैं, तो उसके गलत कार्य भी आपको बहुत ही मन को भाने लगते हैं, ऐसे में क्या होगा, किसी से पूछने की जरुरत नहीं, आप स्वयं की अंतरात्मा से पूछिये।

देश में लोकतंत्र हैं, लोगों ने वोट दे दिया हैं, अगर लोगों को मोदी पसन्द हैं, तो फिर हम कौन होते हैं, उनको ये समझानेवाले कि आप मोदी को पसन्द नहीं करें और जब लोगों को मोदी पसन्द नहीं हैं, तो फिर हम कौन होते हैं, लोगों के दिमाग में ये भरनेवाले कि मोदी जैसा दूसरा कोई नहीं। सच्चाई यह है कि देश में अब पत्रकारिता नहीं हो रही हैं, शुद्ध व्यवसाय हो रहा हैं, और पीएम मोदी जब ऐसे पत्रकारों के लिए ट्रेडर्स शब्द का प्रयोग करते हैं, तो हमें कहीं से भी बुरा नहीं लगता, क्योंकि ये सही मायनों में ट्रेडर्स हैं, और इसके माध्यम से वे अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।

कल जो विभिन्न चैनलों ने एग्जिट पोल दिखाया और पूरे देश का ब्यौरा दिया, उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता, क्योंकि पूरे देश के राज्यों की क्या स्थिति हैं, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं, पर जो झारखण्ड की जो तस्वीरें इन चैनलों ने दिखाई, उन तस्वीरों को देख साफ लगता है कि इन्होंने जनता के रुख को न बताकर, पीएम मोदी और भाजपा के लोगों को खुश करने में ही ज्यादा रुचि दिखाई।

जो लोग झारखण्ड की वस्तुस्थिति व राजनीति को जानते हैं, वे अच्छी तरह जानते है कि यहां के लोगों को मोदी से उतनी नफरत नहीं, जितनी राज्य के तथाकथित  होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास से हैं, यहीं कारण है कि जनता इतनी नाराज हो गई कि यहां से जब भी चुनाव परिणाम आयेंगे, महागठबंधन के पक्ष में  ज्यादा जायेंगे।

स्थिति तो यहां ऐसी है कि जहां-जहां पीएम मोदी ने झारखण्ड में रैलियां की हैं, वहां तो भाजपा का सफाया होना सुनिश्चित हैं, जैसे – रांची, लोहरदगा, चाईबासा, गोड्डा, आदि, पर एक चैनल को देखिये जो इंडिया टूडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के माध्यम से बता रहा है कि झारखण्ड में भाजपा को 12 से 14 सीट मिल रहा हैं, जो किसी भी हालत में सही नहीं हो सकता, यह सफेद झूठ है।

जिस चैनल ने यह सर्वे दिखाया हैं, उसका ये सर्वे साफ बताता है कि उसने भाजपा के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को निवेदित किया है। कुछ हद तक हम रिपब्लिक सी वोटर के सर्वे को हम सच के नजदीक मान सकते हैं, जिसने भाजपा को छःसीटे दी हैं, पर टाइम्स नाउ और एबीपी नीलसन के सर्वे को भी हम सही नहीं मान सकते, जिसने भाजपा को आठ सीटें थमा दी है।

कमाल है, मतदान के दिन तक जहां की जनता भाजपा को देखना पसन्द नहीं कर रही थी, वहां से भाजपा को वोट मिलता हुआ, इन चैनलों ने दिखा दिया, भाई आपने ये महाभारत के संजय वाली दृष्टि कौन से दुकान से खरीद ली भाई। हम भी खरीदना चाहते हैं, कमाल है आपके पास वो कौन ऐसी कला है कि आप दिल्ली जैसे महानगरों में बैठकर, पूरे भारत के मतदाताओं के दिलों के राज जान लेते हैं, जबकि भारत का मतदाता ऐसा है कि वो आपके बगल में ही बैठा रहेगा और आपको अपनी बातों से ऐसा उलझा देगा कि आप उसके मन की बात जान ही नहीं सकते।

यहां तो खुद पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी से माल भी लेते हैं, पार्टी का खाते भी हैं, और उस पार्टी के नेताजी को बढ़िया से चूना भी यह कहकर लगा देते है कि इसने पांच साल तक हमें उल्लू बनाया, इस बार इलेक्शन में हमने इसको उल्लू बना दिया तो क्या गलत किया। ऐसे देश में एग्जिट पोल की ये बाजीगरी उनको ही मुबारक, जो इस झूठ के माध्यम से पीएम मोदी को भी धोखा देने से नहीं चूके, जबकि पीएम मोदी भी जानते है कि इस बार का इलेक्शन उनके लिए कितना टेढ़ा रहा हैं।

जिस दिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उनका पीसी था, उनका चुप रहना भी इस बात का घोतक था कि वे ज्यादा इस पर अपनी प्रतिक्रिया न देकर, सबकी सुनना चाहते थे, पर जिस प्रकार से 19 मई को चैनलों ने भाजपा और मोदी जी के प्रति श्रद्धा दिखाई और उनके चरणों पर लोट गये, साफ बता दिया कि पीएम मोदी ने इन चैनलों की क्या दुर्दशा कर दी हैं, शायद किसी ने ठीक ही कहा है कि जो दुर्दशा के लायक हैं, उनकी दशा पर चिन्ता क्या करना, जो हो रहा हैं, वो ठीक ही तो हैं।

अंततः देश की हालत क्या होगी, हमें नहीं पता पर 23 मई को जब भी चुनाव परिणाम आयेंगे, झारखण्ड में महागठबंधन मजबूत ही स्थिति में होगा, ये सब को गांठ बांध लेना चाहिए, ऐसे जब तक 23 मई नहीं आ जाता, सभी को उछलने का, वह भी भर-भर पोरसा पूरा अधिकार हैं, इसलिए खुश हो जाइये, उछलते रहिये-कूदते रहिये पर याद रखिये, जब चुनाव परिणाम आयें तो झारखण्ड का मिलान करना मत भूलियेगा, क्योंकि झारखण्ड इस बार वो परिणाम देने जा रहा हैं, जो भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं को बोलती बंद करा देगा।