अपनी बात

बम्पर वोटिंग कर संताल परगना की मतदाता ने सीएम रघुवर की नैतिकता पर उठाए सवालः सुप्रियो

झारखण्ड के अंतिम चरण में आज संताल परगना के तीन लोकसभा क्षेत्रों में संपन्न हुए चुनाव में हुई बम्पर वोटिंग इस बात के प्रमाण है कि केन्द्र राज्य सरकार के प्रति यहां के लोगों में कितना आक्रोश हैं। संताल परगना के 18 विधानसभा क्षेत्रों  जिसमें मधुपुर, सारठ और दुमका के भाजपाई मंत्रियों के सीट भी शामिल हैं, सभी स्थानों पर महागठबंधन को भारी बढ़त मिलेगा और दुमका में दिशोम गुरु शिबू सोरेन करीब दो लाख वोटों से जीतेंगे। ये कहना है झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य का।

उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी यानी 42 डिग्री तापमान के बावजूद मात्र नौ घंटे में सत्तर प्रतिशत से अधिक मतदान बहुत कुछ कह देता हैं, जबकि पूरे देश में मतदान की अवधि 11 घंटे की हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर पूरे देश में 11 घंटे मतदान की अवधि और अपने यहां मात्र नौ घंटे की मतदान की अवधि तय करने का चुनाव आयोग का फैसला अन्यायपूर्ण हैं, अगर यहां भी अन्य जगहों के जैसा 11 घंटे का मतदान होता तो निश्चय ही यहां लगभग शत प्रतिशत मतदान हो जाता।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज संपन्न हुए चुनाव के बाद इतना तो यह हो गया कि राज्य में विधानसभा का स्वरुप कैसा होगा? क्योंकि आज का मतदान मुख्यमंत्री रघुवर दास के उस झूठ के खिलाफ हैं, जो उन्होंने कहा था कि 2018 तक राज्य की जनता को शत प्रतिशत बिजली मिल जायेगी, आज राज्य में बिजली और पानी के लिए कितना हाहाकार हैं, सभी को पता है।

उन्होंने कहा वोट के माध्यम से राज्य की जनता ने मुख्यमंत्री की नैतिकता पर सवाल उठा दिये है? ये वोट राज्य सरकार के द्वारा पेश किये गये स्थानीय नीति के खिलाफ है, जमीन लूट के खिलाफ है, एक बार फिर 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के द्वारा बाहरी लोगों के नियुक्ति करने की सरकार की योजना के खिलाफ है, जो लोग भूख से मरे उनकी संवेदना को लेकर हैं, 16 हजार स्कूलों को बंद किया गया, उसके खिलाफ है, पारा टीचरों पर हुए लाठी चार्ज के खिलाफ है, तथा अन्य अनैतिक कार्यों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि राज्य में रिम्स, पीएमसीएच धनबाद, एमजीएम जमेशदपुर की क्या स्थिति हैं, स्वास्थ्य विभाग किस प्रकार अव्यवस्था फैला रखा हैं, उसके खिलाफ है, चारों ओर हाहाकार मचा हैं, पर राज्य सरकार को होश नहीं, उन्होंने कहा कि 23 मई को जो जनता फैसला देगी, पार्टी उसे शिरोधार्य करेगी और आनेवाले विधानसभा का स्वरुप कैसा होगा, उस पर अपना ध्यान केन्द्रित कर, आगे की योजना पर काम करेगी।