अपनी बात

बार-बार ‘हुनर’ की बात करनेवाले CM ने बांटी डिग्रियां, हेमन्त ने उठाए सवाल, रघुवर को ‘ठगुबर’ कहा

भाई बात में तो दम है, जब डिग्री से कोई रोजगार नहीं मिलता, हुनर से रोजगार मिलता है तो फिर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास आज रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्रियां बांटने-बंटवाने के कार्यक्रम में या वहां भाषण देने क्यों  गये थे? क्या वे एक दिन के लिए भूल गये थे कि उन्होंने जन-आशीर्वाद यात्रा के दौरान एक छात्रा के सवाल के जवाब में क्या कहा था? या वे यह भूल गये थे कि जनता तो मूर्ख हैं, वो तो भूल ही जाती हैं, जैसे वह वादा भूल गई कि दिसम्बर 2018 तक पूरे झारखण्ड में बिजली 24 घंटे मिलने लगेगी।

ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान संथाल परगना के दौरे पर थे, तब उनसे एक छात्रा ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा था कि उसके परिवार में काफी पढ़े लिखे लोग हैं, पर सभी बेरोजगार हैं, उनके लिए आपने क्या किया? मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उसे प्रवचन सुनाया था कि डिग्री से कुछ नहीं होता, हाथ में हुनर होगा तभी कुछ काम मिलेगा?

मुख्यमंत्री के इस बयान पर पूरे राज्य में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई थी, पर राज्य के अखबारों व चैनलों ने इस समाचार से मुंह मोड़ लिया था कि कही राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास उनके अखबारों व चैनलों पर कुपित न हो जाये और जो कृपा बरस रही हैं, वह कृपा बरसनी न बंद हो जाये, इधर एक बार फिर यह मामला गरमाया हैं और इस पर पहली टिप्पणी राज्य में विरोधी दल के नेता हेमन्त सोरेन ने की है।

उन्होंने सोशल साइट फेसबुक व टिव्टर के माध्यम से रघुवर दास पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “अभी तो कुछ दिन पहले आपने कहा था कि डिग्री लेकर घूमते रहो, करोड़ों घुम रहे हैं, डिग्री से नौकरी नहीं मिलेगी। अंगूठा दिखा हुनर-हुनर का पाठ पढ़ाया था युवाओं को, फिर आज किस मुंह से उन्हीं युवाओं को डिग्री देने गये थे।” अपने साइट पर उन्होंने रघुवर दास का नया नामकरण भी किया साथ ही सवाल भी दागे। हेमन्त सोरेन ने रघुवर दास का नया नाम ‘ठगुबर दास’ रख दिया और पूछा कि पांच लाख से अधिक सरकारी पद कब भरे जायेंगे?

कब जेपीएससी/जेएसएससी की सारी बैकलॉग परीक्षाएं आयोजित होंगी? कब 100 रुपये से 1000 रुपये हुए फार्म का शुल्क वापस 100 रुपये होंगे? कब बेरोजगारी भत्ते दिये जायेंगे, युवाओं को, ताकि वो पढ़ाई एवं परीक्षा शुल्क वहन कर सकें। जिससे युवा अवसाद में आ कोई गलत कदम उठाने से परहेज करेंगे। बताइये ठगुवर जी – बताइये युवाओं को अपनी नीति। पांच साल ठगी का शिकार ये युवा इस बार आपकी चालबाजी से पूरी तरह वाकिफ हैं।