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शर्मनाक, Me Too आरोपियों के खिलाफ देश एकजुट, पर CM रघुवर Me Too आरोपी के साथ स्थापना दिवस मनायेंगे

भारत में पहली बार, लड़कियों/महिलाओं ने मी टू अभियान के तहत अपने उपर हुए यौन शोषण को जोरदार ढंग से उठाना शुरु किया है, जिसका प्रभाव भी देखने को मिल रहा है, इस मी टू अभियान के शिकार, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, संगीतकार और फिल्मी दुनिया के लोग हो रहे हैं। वर्तमान में जिन-जिन पर मी टू के तहत आरोप लग रहे हैं, उनके जीवन भर की पूंजी यानी इज्जत कूड़ों की अम्बार में सिमटती दिख रही हैं, ऐसे लोगों से उनके अपने लोग भी दूरियां बनाते जा रहे हैं, पर झारखण्ड सरकार के उपर इस मी टू अभियान का कोई असर नहीं दिख रहा, वह अभी भी मी टू अभियान के आरोपियों के साथ संबंध को मधुर बनाने में जुटी हुई है।

कमाल की बात है, झारखण्ड सरकार 15 नवम्बर 2018 को झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर रही है, जिसमें संगीतकार व गायक पदमश्री कैलाश खेर को शामिल होने के लिए आमंत्रित भी की है, इस कार्यक्रम में एक घंटे प्रोग्राम के लिए, झारखण्ड सरकार 35 लाख रुपये भी पद्मश्री कैलाश खेर को देगी, इसी कैलाश खेर को पांच मिनट का गाना लिखने के लिए, झारखण्ड सरकार की कला संस्कृति विभाग ने ढाई करोड़ रुपये की पेशकश भी की थी, जिस पर आपत्ति राज्य के वित्त विभाग ने दर्ज कराई थी।

इधर जिन-जिन पर यौन शोषण के आरोप है, उन आरोपियों से टॉप के अभिनेता-अभिनेत्री, फिल्मकार ही नहीं, बल्कि खुद भाजपा के बड़े-बडे नेता किनारा कर रहे हैं, लेकिन झारखण्ड सरकार पर यौन शोषण के आरोपी कैलाश खेर प्रेम का कोई असर नहीं दीख रहा, अभी तक झारखण्ड सरकार ने कैलाश खेर के झारखण्ड आगमन और उनके कार्यक्रम से खुद को किनारा नहीं किया, इसका मतलब है कि झारखण्ड सरकार यौन शोषण के आरोपी कैलाश खेर को झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस पर बुलाने के लिए अडिग है, अगर ऐसा होता है तो झारखण्ड ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में एक गलत संदेश जायेगा कि क्या अब सरकार यौन शोषण के आरोपियों को भी सम्मान देगी।

लोग यह भी कहते है कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन के दिन एक ही मंच पर यौन शोषण के आरोपी कैलाश खेर और जयप्रकाश के आदर्शों की बात को अपनाने की बात कहनेवाले लोग भी मंच शेयर करेंगे, जिससे झारखण्ड के सम्मान पर बट्टा लगना तय है, क्योंकि झारखण्ड में यह हमेशा देखा गया है कि पेट की भूख शांत करने के लिए झारखण्ड से बाहर गई बेटियां, हमेशा यौन शोषण की शिकार होती रही है। अफसोस इस बात की भी है कि झारखण्ड के जमशेदपुर की तनुश्री दत्ता मी टू अभियान की शुरुआत की और रघुवर सरकार इस अभियान की हवा निकालने में लगी है।

जबकि दूसरी ओर, हाल ही में मी टू अभियान के शिकार फिल्म निर्देशक सुभाष कपूर की फिल्म से आमिर खान ने किनारा कर लिया, सुभाष कपूर पर छेड़खानी की आरोप है, देश में दिन ब दिन बढ़ते मी टू अभियान को देखते हुए बिना किसी का नाम लिए आमिर खान ने घोषणा की कि वह और उनकी फिल्मकार किरण राव आगामी फिल्म का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी पर यौन दुराचार के आरोप की सूचना मिली है।

जबकि पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने एम जे अकबर की पूरी राजनीतिक कैरियर ही चौपट होने लगी है, कभी कांग्रेस के टिकट पर बिहार के किशनगंज से चुनाव लड़नेवाले एम जे अकबर, वर्तमान में भाजपा के चहेते बने हुए है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में विदेश राज्य मंत्री के रुप में भी शामिल है। फिलहाल यौन उत्पीड़न के संगीन आरोप में चर्चे में है और हो सकता है कि उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कांग्रेस और वामदल उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। एम जे अकबर को लेकर वर्तमान में भाजपा भी असहज है, क्योंकि केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए न्याय की मांग करती देखी गई।

इधर पद्मश्री कैलाश खेर की मुश्किले भी कम होती नहीं दिख रही, पूर्व में कुछ दिनों पहले दो महिलाओं ने गायक/संगीतकार कैलाश खेर पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कैलाश खेर ने उन लोगों से क्षमा याचना भी की थी, लेकिन अब ताजा घटना यह है कि गायिका सोना महापात्रा ने भी ट्वीट कर कैलाश खेर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया, यानी कैलाश खेर को फिलहाल राहत कम होती नहीं दीख रही।