अपनी रांची को बलात्कारियों का शहर बनने से रोकिये, ये हम सब की जिम्मेदारी भी हैं

अपनी रांची को बलात्कारियों का शहर बनने से रोकिये, ये हम सब की जिम्मेदारी भी हैं। जरा देखिये, बलात्कारियों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ हैं? कल की ही बात है, प्रेमी के साथ घूमने गयी छात्रा से आठ युवकों ने सामूहिक बलाल्कार किया। घटना धुर्वा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर तालाब के पास रविवार रात दस बजे की है, हालांकि पुलिस ने देर रात सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक भागने में सफल रहा, पुलिस उसकी गिरफ्तारी करने में लगी है। सभी आरोपी बड़कागढ़ के रहनेवाले हैं, इसमें एक ऑटोचालक भी है, पीड़िता मूलतः कर्रा लोधमा गांव की रहनेवाली है, जो जगन्नाथपुर बड़कागढ़ में अपने रिश्तेदार के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी।

दूसरी घटना होली के दिन की है, पुलिस बताती है कि 15 वर्षीया छात्रा लोअरबाजार थाना क्षेत्र की रहनेवाली है, वह होली के दिन शैम्पू लाने पास के दुकान में गई थी, जिस दुकान से वह शैम्पू लाने गई थी, वह दुकान कांटा टोली चौक, पुरुलिया रोड स्थित अंजलि होटल के ठीक विपरीत स्थित है। दुकानदार अनिल ने उक्त छात्रा के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया। अनिल ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। वह शादीशुदा हैं।

तीसरी घटना तुपुदाना क्षेत्र के डहू जंगल में 14 साल की नाबालिग छात्रा से गैंगरेप का है। छात्रा सातवीं कक्षा की छात्रा है। घटना 26 फरवरी की है। बताया जाता है कि उसने तीन मार्च को  पुलिस के समक्ष बयान दिया कि उसे तीन लड़कों ने नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म किया, और फिर बेहोशी की हालत में जंगल में छोड़कर भाग खड़े हुए।

चौथी घटना पंडरा ओपी थाना क्षेत्र की है, जहां नया टोली जतरा बगीचा निवासी युवती का अपहरण करने का प्रयास किया गया, लेकिन युवती ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपी मो. इम्तियाज को दांत से काटकर घायल कर दिया, तब जाकर वह युवती बच पाई।

और अगर लड़कियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी, लड़कियों के अपहरण तथा लव जेहाद के नाम पर लड़कियों को फंसाने की अगर बात करें तो इसकी लंबी लिस्ट बन जायेगी, अब सवाल उठता है कि क्या आप अपने शहर को बलात्कारियों का शहर बनाना चाहते हैं? क्या आप चाहेंगे कि आपके घर में रह रही लड़कियां या महिलाएं इस प्रकार की घटना का शिकार हो, अगर नहीं तो इसके लिए आपको स्वयं जागरुक होना होगा, यह जान लें कि पुलिस घटना होने के बाद सक्रिय होती हैं, वैसे भी पुलिस विभाग के कुछ ईमानदार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़कर ज्यादातर पुलिसकर्मियों की संख्या ऐसी हैं, जिन पर आप ज्यादा भरोसा नहीं कर सकते। हमारी बेटियां, हमारी धरोहर और सम्मान हैं, और हमारे बेटे भी हमारे धरोहर और हमारे सम्मान हैं। इसे कभी न भूले।

याद रखे, अपराधी या जिन्हें असामाजिक तत्व या हम जिन्हें बलात्कारी या दुष्कर्मी कह रहे हैं, वे कोई बाहर के नहीं हैं, वे हमारे आस-पास ही मंडरा रहे हैं, कब वे हैवान बन जायेंगे? कहा नही जा सकता, जैसा कि समाचार से पता चल रहा हैं, कभी-कभी ये हैवान तो अपने घरों से ही निकल पड़ते हैं, इसलिए अपनी बेटियों को बोलना सिखायें, गलत का प्रतिकार करना सिखायें, उन्हें बताये कि सामनेवाला कोई भी हो, अगर उसके सम्मान को खरोंच पहुंचाने का प्रयास करें तो चुप्पी तोड़ें।

बेटियों पर ध्यान जरुर दें, पर ये भी न भूले, बलात्कार करनेवाले पुरुष ही होते हैं, आपके बेटे कहां जाते हैं? कहां दिन गुजारते हैं?  किसके साथ रहते हैं?  दिन भर क्या किया?  जरुर पूछे, ये आपकी डेली रुटीन में होना चाहिए। आपके बेटों ने किसे अपना दोस्त बनाया हैं? उस दोस्त और उसके परिवार का बैक ग्राउंड अवश्य जाने, ये समय की मांग हैं, बेटों के आंखों में आंखे डालकर, बात करें, अगर आपका बेटा किसी बातों को लेकर नजर चुरायें या कभी संशकित दीखे तो उससे सारी मामलों की जानकारी प्राप्त करें।

कभी-कभी अचानक उन शैक्षिक संस्थानों पर भी धावा बोले कि आपका बेटा या आपकी बेटी शैक्षिक संस्थानों में दीख भी रहे है या नहीं, अगर नहीं दीखे तो समझ लीजिये, वे आपको धोखा दे रहे हैं, अपने बेटे-बेटियों को एक बेहतर इंसान बनाना आपकी ही जिम्मेवारी है, किसी और की नहीं, बच्चों को राजनीति भी सिखाइये, क्योंकि राजनीति विज्ञान को जानना बहुत ही जरुरी हैं, अगर आप इसे नहीं बतायेंगे तो फिर वे मूर्ख रहेंगे और कोई भी विशेष व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल, उन्हें अपनी ओर मिलाकर, अपना उल्लू सीधा कर लेगा तथा आपके बच्चों के जीवन से खेल जायेगा, इसलिए क्या आप चाहेंगे कि बेटा आपका और उसके जीवन से कोई खेल जाये? इसलिए अच्छा इंसान बनाइये, बेहतर इंसान बनाइये और रांची को बलात्कारियों का शहर होने से बचाइये।