अपनी बात

समस्त शाकद्वीपीय समाज को दिल्ली-एनसीआर भास्कर ग्रुप से सीख लेनी चाहिए

शहर एक पर संगठन अनेक, कभी मिलकर कोई काम नहीं करेंगे, एक छोटे से पद को पाने के लिए जी-जान लगा देंगे, यो कहिये कि मर मिटेंगे पर पद की मर्यादा को नहीं रखेंगे, अगर कोई बढ़िया काम करना चाहे तो उसमें ऐसा मीन-मेख निकालेंगे कि अच्छा काम करनेवाले लोगों की नानी-दादी याद आ जाये, खुद को बनाये रखेंगे संत, ऐसा संत जो शंकराचार्य को भी मात दे दें, पर जब खुद की अग्निपरीक्षा देने की बारी आये तो उस परीक्षा में स्वयं को आहुति रुप में भस्मीभूत होने की कोशिश नहीं करेंगे, ये शाकद्वीपीय समाज की सच्चाई हैं, पर आज दिल्ली-एनसीआर के भास्कर संस्था से जुड़े शाकद्वीपीय बंधुओं ने दिल्ली के रोहिणी सेक्टर पांच में स्थित एमसीडी कम्यूनिटी हॉल में होली मिलन समारोह आयोजित कर समाज को एक नई दिशा देने का जो काम किया, उसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है।

ये पहला कार्यक्रम था, जिसमें कहीं से कोई मीन-मेख निकालनेवाले लोग नहीं थे, सभी एक दूसरे का सम्मान कर रहे थे, सभी एक दूसरे में अपना चेहरा देख रहे थे, एक दूसरे से मिलने और समझने की चाहत इस प्रकार से बढ़ी हुई थी कि लोग एक दूसरे को सहयोग करने के लिए लालायित दिखे, अगर किसी को कार्यक्रम स्थल पर जाने में दिक्कत हो रही थी, तो लोग सहयोग करने को आतूर दीखे, और इस कार्यक्रम में नन्हें-मुन्नों के चेहरे पर खिला मुस्कान को देख, कौन ऐसा आदमी होगा, जो आह्लादित न हुआ हो। सचमुच भास्कर शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रणव कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष हरीश पांडेय, सचिव शशि रंजन मिश्र, कोषाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्र और प्रवक्ता विवेकानन्द मिश्र के इस दिव्य सोच की प्रशंसा करनी होगी।

एक शाकद्वीपीय बंधु अमित कुमार ने इस आयोजन को देख, ठीक ही कहा कि अपने बच्चों का स्वजातीय बंधुत्व बनाना एक चुनौती है। हमारे घर में जहां एक कमरे से हनुमान चालीसा पेरेंट्स द्वारा और दूसरे कमरे से जस्टिन वीवर के भक्त बच्चे स्पेनिश गाने गाये, ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम अपने संस्कृति से जुड़े रहे। ऐसे कार्यक्रमों से अपनत्व बनता है और खासकर बंधुत्व का बोध जागृत होता है।

कार्यक्रम की सफलता से आह्लादित शशि रंजन मिश्र का ये कहना कि आप सब की उपस्थिति एक अविस्मरणीय पल का गवाह है, समारोह अद्भुत रहा, जो बिना सभी की सहभागिता के संभव नहीं था, इन बातों में दम है। प्रभात मिश्र द्वारा यह कहना कि ननिहाल से कोई हजार किलोमीटर दूर किसी कार्यक्रम में अनायास ही मौसेरे भाई और मौसा मिल जाये तो उस अनुभूति को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता और इस होली मिलन समारोह ने सब से हमें मिला दिया, सचमुच ऐसे कार्यक्रम पर हमें गर्व है।

भास्कर होली मिलन में जिन बच्चों ने शानदार अभिनय और कला का प्रदर्शन किया, उनकी भी जितनी प्रशंसा की जाय कम हैं। बाल धमाल में सिमरन ने नृत्य, ज्योति ने स्वागत गान, विशेष वैभव ने नृत्य, महिला मिश्रा ने काव्य पाठ, आराध्य ने नृत्य, अद्विक आनन्द मिश्र ने कीबोर्ड प्लेइंग, संजना वाजपेयी ने नृत्य, ईशान ने कीबोर्ड प्लेइंग, श्रीतिमा मिश्रा ने नृत्य, यशस्वी मिश्रा ने नृत्य, वत्सल मिश्रा ने कीबोर्ड प्लेइंग, सान्वी ने नृत्य, सूर्यांशी ने श्लोक व गीत, अनन्या मिश्रा ने नृत्य और स्नेहा सृष्टि ने राष्ट्रीय गीत व रवीन्द्र संगीत से श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध किया।

डा. बी पी मिश्र को भास्कर रत्न, एस एन मिश्र, ईश्वर चंद्र पाठक और डा. सत्य नारायण पांडेय को भास्कर विभूति रत्न एवं उत्कर्ष कुमार पाठक, डा. श्वेता शुभांगी आचार्या, विकास पांडेय, आलोक वाजपेयी, उमेश पाठक एवं अजय मिश्र को भास्कर गौरव सम्मान से सम्मानित किया, जबकि मनोज मिश्र, अतीन्द्र मिश्र और सुषमा मिश्र को रक्तदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।