राजनीति

सरयू राय ने ढुलू महतो और पारा शिक्षक प्रकरण पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय कल धनबाद में थे, फिर क्या था? पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया और लगे सवाल दागने, सरयू राय भी फिर कहां चुप रहनेवाले थे। अपने हाजिरजवाबी होने तथा सत्य को प्रतिष्ठित करने के लिए मशहूर इस शख्स ने उसी अंदाज में जवाब दिया। पत्रकारों को आशा नहीं थी, कि सरयू राय अपनी ही सरकार और अपने ही विधायक और सांसद के खिलाफ बयान दे देंगे, पर हुआ तो यहीं।

कल पत्रकारों ने सरयू राय से सवाल पूछा कि आपके सीएम के अतिप्रिय बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो व गिरिडीह सांसद रवीन्द्र पांडे के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत होने के बावजूद प्राथमिकी नहीं हुई है, इस पर आप क्या कहेंगे? सरयू राय ने साफ कहा कि धनबाद पुलिस की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सरासर उल्लंघन है, उसे प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कारर्वाई करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की जिला मंत्री कमला कुमारी द्वारा विधायक के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत के बाद भी प्राथमिकी का न होना, गलत है, इससे गलत संदेश भी जाता है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का भी स्पष्ट आदेश है कि किसी की शिकायत हो, तो पुलिस पहले प्राथमिकी दर्ज करें, फिर जांच के बाद निर्णय लें, कि आगे क्या हो सकता है? ठीक उसी प्रकार अगर रवीन्द्र पांडे के खिलाफ किसी ने शिकायत दर्ज कराई हो तो उसकी भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने यह कहा कि मामला 2015 का है और अभी उठाया जा रहा है, इसलिए इसे सही नहीं ठहराया जा सकता, सरयू राय का कहना था कि ये पूर्णतः गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना जांच के क्लीन चिट देना भी एक गंभीर मामला है, वे इस मामले को संगठन में उठायेंगे, उन्होंने बाघमारा में चल रहे रंगदारी प्रकरण की भी जांच की मांग की।

पारा शिक्षकों के चल रहे आंदोलन तथा उससे प्रभावित हो रही शिक्षा पर उनका कहना था कि यह मामला बहुत ही गंभीर है, पारा शिक्षकों के मामले में, अगर सरकार यहां के जनप्रतिनिधियों की नहीं सुन रही हैं तो भाजपा के सभी सांसदों व विधायकों को मिलकर विरोध करना चाहिए।