धर्म

40वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाने के लिए अभी से कृतसंकल्पित है शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा

सार्वभौम शाकदवीपीय ब्राह्मण महासभा द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय को महासभा से जुड़े अधिकारी तथा आजीवन सदस्यों द्वारा अक्षरशः जमीन पर उतार देने के भागीरथी प्रयास की सभी ने सराहना की है। ज्ञातव्य है कि सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा ने स्वयं से मिलती-जुलती संस्था द्वारा रांची में कल आयोजित कार्यक्रम से सभी को दूर रहने की अपील की थी, जिसमें सभी ने सहयोग दिया।

रांची के विधानसभा सभागार में कल हुई कार्यक्रम में रांची के शाकद्वीपीय ब्राह्मणों में से अधिकांश विद्वानों ने दूरियां बना ली और स्वयं को इन कार्यक्रमों से दूर रखा, हालांकि कल के कार्यक्रम में शामिल कई लोगों ने रांची में रह रहे अनेकानेक विद्वानों के घर का दरवाजा खटखटाया था, पर उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली।

विधानसभा सभागार में कल संपन्न हुए कार्यक्रम पर कल कुछ लोगों ने प्रश्न चिह्न भी उठाए, कुछ लोगों का कहना था कि देव से आये बंधुओं को मंच से कुछ कहने का मौका देना चाहिए था। देव से आये प्रतिनिधियों द्वारा निमंत्रण पत्र हाथों-हाथ इस सम्मेलन में सभी को मिलता तो लोग ज्यादा सम्मानित होते। कई लोगों ने अपनी बात रखने की कोशिश की पर उन्हें मौका ही नहीं दिया गया, अगर उन्हें प्रांतीय सम्मेलन में बोलने का मौका दिया जाता तो लोगों की राय भी  मिल जाती तथा इससे शाकद्वीपीयों में एकता भी स्थापित होती, पर ऐसा संभव नहीं हो सका, जो दुर्भाग्य है।

इधर सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा के मंत्री गोपाल पाठक ने बताया कि महासभा से मिलते-जुलते कल के कार्यक्रम में लोगों की उपस्थिति बहुत ही कम थी, बैठक में कोरम पूरे करने के लायक भी व्यक्ति मौजूद नहीं थे। उन्होंने सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा के संभी संरक्षकों, पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों एवं आजीवन सदस्यों को इस बात के लिए आभार प्रकट किया कि, सभी महासभा द्वारा लिये गये निर्णयों पर अडिग रहे तथा एकता का परिचय देते हुए महासभा के नाम से मिलते-जुलते हुए कल के बैठक का बहिष्कार किया।

इधर कल की बैठक में गिरिडीह, धनबाद और बोकारो से आये लोगों की संख्या बहुतायत थी। बैठक में शामिल लोगों ने शाकद्वीपीयों के बीच एकता कैसे स्थापित हो, इस पर अपने-अपने मंतव्य दिये। बैठक में शामिल सभी सदस्यों ने दीपक उपाध्याय को अपना नेता माना और उनके बताये नक्शे कदम पर चलने का संकल्प लिया।

इधर पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार पिठौरिया के जगन्नाथ मिश्र उर्फ रंथु जी के क्षेत्र में सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा झारखण्ड रांची के तत्वावधान में पिठौरिया के सुतियाम्बे स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर के परिसर में एक बैठक हुई। बैठक में महासभा के संरक्षकों, पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों की एक बैठक हुई। प्राचीन सूर्य मंदिर सुतियाम्बे के जीर्णोद्धार हेतु विचार-विमर्श हुआ। इसके अलावे सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा झारखण्ड के 40 वर्ष पूरे होने तथा सूर्य सप्तमी समारोह 24 जनवरी 2018 को विशेष तौर पर मनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

महासभा से जुड़े सभी सदस्यों ने कहा कि सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा रांची अब वटवृक्ष बन चुका है। संगठन के भावी कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर महासभा की योजनाओं पर जानकारी देने तथा उन्हें महासभा से जोड़ने पर भी चर्चा की गई, तथा शाकद्वीपीय समाज की एकता को तोड़नेवाली ताकतों को भस्मासुर करार दिया गया। बैठक में संरक्षक हरिहर पांडेय, वैदेही शरण मिश्र, आचार्य नरोत्तम शास्त्री, पंडित वंसत व्यास, अध्यक्ष ब्रज बिहारी पांडेय, उपाध्यक्ष, मिथिलेश कुमार मिश्र, मंत्री गोपाल पाठक, कोषाध्यक्ष वसंत कुमार पाठक सहित गई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

इधर सिमडेगा में भी सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा सिमडेगा की मासिक बैठक केलाघाघ स्थित सूर्य मंदिर में कल्याण मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सूर्यमंदिर के पास एक छठ घाट बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख रुप से अनुराग पाठक, आशीष शास्त्री, विश्वनाथ मिश्र, संजय पाठक, अभिषेक शास्त्री, सुदामा पाठक, गोविन्द मिश्र सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। उधर गिरिडीह में भी सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा ने विशेष जनसम्पर्क चलाया।