राजनीति

दलितों के कल के भारत बंद से कांग्रेस और अन्य पार्टियों को मिली संजीवनी, भाजपा सदमें में

कल के भारत बंद को लेकर राजनीति शुरु हो गई है। भाजपा कल के भारत बंद को लेकर बैकफूट पर है। कांग्रेस और अन्य विपक्ष को लग रहा है कि इस मुद्दे ने उन्हें संजीवनी प्रदान कर दिया है। वे इस संजीवनी से अपने मृत प्रायः पार्टी में जोश, उमंग व उत्साह भरने में लगे हैं, पर उन्हें यह डर भी सता रहा है कि राजनीति के माहिर खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहीं धुआं न छुड़ा दें।

झारखण्ड में कांग्रेस के बड़े नेता सुबोधकांत सहाय ने इस मुद्दे को हाथो हाथ लिया हैं। उन्होंने आज रांची में बयान दिया है कि केन्द्र की भाजपा सरकार और भाजपा शासित राज्य सरकारें लोकतांत्रिक अधिकारों का  गला घोटने पर आमदा है। अनुसूचित जाति और अनूसचित जनजाति को समतामूलक समाज की अवधारणा को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान में विशेषाधिकार का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार आरक्षण और एससीएसटी के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने की साजिश रच रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में सरकार दमनात्मक और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई कर एसटीएससी के अधिकारों और उनके आवाज को दबाना चाहती है। राज्य सरकार आदिवासी और दलित विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एसटीएससी के अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण संवैधानिक तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से नहीं प्रस्तुत किया। इस संदर्भ में केन्द्रीय कानून मंत्री की भी भूमिका संदिग्ध है।

उन्होंने कहा कि दलित उत्पीड़न में रघुवर सरकार ने तो कीर्तिमान बनाने की ठान ली है। राज्य में सरकार ने सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन कर जमीन लूटने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान 2 अप्रैल को राजधानी रांची में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर जिस तरीके से लाठी चार्ज किया गया, इससे स्पष्ट पता चलता है कि रघुवर सरकार तानाशाह हो गई हैं। छात्रों को बेरहमी से पीटा जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा लाठी-गोली की  सरकार चला रही है। इसमें रघुवर सरकार सारी हदें पार कर दी है। राज्य सरकार की पुलिस ने आदिवासी और दलितों को चिन्हित कर बेरहमी से पीटा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस तानाशाह रवैये के खिलाफ व्यापक जनांदोलन चलाया जायेगा। सरकार की शह पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी बेलगाम हो गये है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने राजधानी में हुए लाठी चार्ज की घटना के लिए जांच कमेटी बनाई है, जिसकी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को भेजी जायेगी। किसी भी हालत में आदिवासी-दलित की आवाज को दबाने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने लाठी चार्ज की घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात में विभिन्न जगहों पर अत्याचारी सरकार का बर्बर चेहरा सामने आया है। कांग्रेस पार्टी, लाठी-गोली वाली भाजपा सरकार को उखाड़ फेकने के लिए जल्द ही जनता की अदालत में जायेगी। आनेवाले चुनाव में जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।