रवीश को नीतीश की इमेज की चिन्ता, बताया पीएम मोदी की दरभंगा रैली में नीतीश ने वंदे मातरम् नहीं बोला

एनडीटीवी के रवीश कुमार से कुछ सवाल

  • आखिर कशिश न्यूज से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दरभंगा रैली का, ये छः दिन पुराना विडियो उनको क्यों और कैसे प्राप्त हुए?, जबकि उन्हीं के महान चैनल के महान संवाददाता पटना में विराजते हैं, खुब धूम मचाते हैं, आखिर उन्होंने ये विडियो समय पर उन्हें क्यों नहीं उपलब्ध कराई?
  • क्या रवीश कुमार को नहीं पता, कि जिस कशिश न्यूज चैनल की वे बात कर रहे हैं, उसका मालिक जदयू का विधायक हैं, और नीतीश की कृपा के कारण ही, उसे विधायक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ? और चैनल खोलने के पीछे भी उसकी यही मंशा थी कि वह राजनीति में जाकर अपना दबदबा कायम करें, जैसा कि सभी करते हैं।
  • क्या जनता इतनी मूर्ख है, क्या उसे नहीं पता कि एनडीटीवी वाले रवीश कुमार, कशिश न्यूज में जाकर, उनके लोगों के साथ बैठकी क्यों करते हैं? भाषणबाजी क्यों करते हैं? क्या कशिश न्यूज और एनडीटीवी पूर्णतः वामपंथी ब्रांड के शुद्ध दूध से धूले हैं?
  • आखिर ये सभा तो 25 अप्रैल को दरभंगा में हुई थी, उस दिन एनडीटीवी ने इस पर न्यूज भी चलाया था, उनके महान संवाददाता भी उस रैली में जरुर पहुंचे ही होंगे, क्योंकि उनकी उपस्थिति ऐसे समय पर हो, ये संभव भी नहीं, तो फिर इतनी बड़ी न्यूज (रवीश के प्राइम टाइम से) उस दिन कैसे छूट गई?

अब हम आपको बताते हैं। दरअसल इस संभावना से भी नहीं इनकार किया जा सकता, कि 30 अप्रैल को जो रवीश कुमार के द्वारा प्राइम टाइम प्रसारित हुआ, वह नीतीश कुमार का इमेज बनाने के लिए विशेष रुप से प्रसारित करवाया गया हो, जिसमें रवीश कुमार, कशिश न्यूज तथा जदयू के लिए ब्रांडिग करनेवाले महान लोगों की धूर्तता शामिल है। आप इससे इनकार नहीं कर सकते, कि देश में जितनी भी पार्टियां हैं, वह किसी न किसी चैनल और उनके पत्रकारों को अपने इमेज बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं, और ये इस्तेमाल होते भी हैं।

फिलहाल बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान जो रिपोर्ट आ रहे हैं, वह बता रहे है कि बिहार के मुसलमान जो कभी नीतीश कुमार के पक्ष में हुआ करते थे, इस बार उनसे दूरियां बना ली, और ये सारे के सारे लालू यादव की पार्टी राजद में जाकर शिफ्ट हो गये। ऐसे में मुसलमानों के दिमाग में नीतीश कुमार को फिर से कैसे शिफ्ट कराया जाये, इसके लिए एनडीटीवी, कशिश न्यूज और जदयू-नीतीश के लिए ब्रांडिंग करनेवाले लोगों ने दिमाग दौड़ाया और दरभंगा की घटना को बहुत ही शानदार तरीके से जनता के सामने पेश कराया, ताकि लोगों को लगे कि भले ही नीतीश भाजपा के साथ है, पर जब भी मौका मिलता है, वे भाजपा को धराशायी करने से नहीं चूकते और आगे भी वे भाजपा को धराशायी करने में नहीं चूंकेंगे।

इसलिए वह न्यूज परोसा गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अपने भाषण की समाप्ति के बाद, अपने स्वभावानुसार वंदे मातरम् की घोषणा कर रहे, घोषणा करवा रहे हैं, जिनको मन कर रहा हैं, वे वंदे मातरम् बोल रहे हैं, जिन्हें मन नहीं कर रहा वे वंदे मातरम् नहीं बोल रहे हैं, ऐसे भी विश्व में भारत ही एकमात्र देश है, जहां पढ़े-लिखे और धूर्त लोगों को अपने देश का सम्मान करने या वंदे मातरम् कहने में डायरिया, हैजा, कैंसर तथा एड्स होने का खतरा रहता है, इसलिए वे वंदे मातरम् नहीं बोलते।

अब जरा देखिये रवीश की चालाकी, कैसे इस घटना को जनता के सामने कल परोसा, वह दिखा रहा है, साथ ही साथ बोल रहा है, क्या बोल रहा है? “ये विडियो उन्हें कशिश न्यूज से मिली है, दरंभगा रैली की है, जिसमें पीएम मोदी वंदे मातरम् बोल रहे हैं, उनके साथ राम विलास पासवान भी बोल रहे हैं, पर नीतीश कुमार ने वंदे मातरम् नहीं बोला है, आप इस विडियो को ध्यान से देखे, अगर यहीं घटना आजम खां ने कर दिया होता तो फिर देखते, और चैनल इस पर कितना बवाल उठा देते, चूंकि यहां नीतीश कुमार है, और उनके खिलाफ बोलने से वोट बैंक को खतरा था, इसलिए कई मीडिया ने इस न्यूज को नहीं चलाया।”

पर रवीश कुमार ने ये नहीं कहा कि मुस्लिमों के बीच घटते जनाधार को देखकर, नीतीश कुमार के लोगों ने ये बखूबी चाल चली है, जिसमें वह भी शामिल है। रवीश कुमार ने ये नहीं कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार को एक रोल मॉडल की तरह पेश करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बिहार के मुस्लिमों को अपने चैनल के माध्यम से बता दिया कि नीतीश कुमार पर विश्वास किया जा सकता है, क्योंकि वह वंदे मातरम् नहीं बोलता, आपकी ही तरह उसे भी वंदे मातरम् से उतना ही नफरत है, घृणा है।

कमाल है, अगर दूसरे चैनल हिन्दू-मुसलमान को लेकर डिबेट करें तो रवीश कुमार के अनुसार वह सांप्रदायिकता फैला रहा हैं, और ये वंदे मातरम् पर ही सवाल खड़ा कर दें, तो ये महान हो गये, कमाल है, वंदे मातरम् से कैसी घृणा भाई।

क्या बिहार की जनता या देश की जनता नहीं जानती कि रवीश के दिल में कौन सी पार्टी के लिए कितना और कहां स्थान है? जब देखो प्रधानमंत्री के प्रति घृणा, भाजपा के प्रति घृणा, वामपंथियों और उनके साथ रहनेवालों तथा भाजपा के घोर विरोधियों के प्रति अद्भुत सम्मान की भावना, कोई भाजपा के लिए या भाजपा के साथ काम करें तो निकृष्टतम टिप्पणियां, जैसे हाल ही में एक कार्यक्रम में हेमा मालिनी पर टिप्पणी कर दिया था।

अब सवाल है कि देश ही नहीं, विश्व की सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर जी के दिलों पर भी नरेन्द्र मोदी राज करते है, तो क्या लता जी भी हिन्दू-मुसलमान की शिकार हो गई, वो भी सांप्रदायिक हो गई, ऐसे बहुत सारे लोग है, जिन पर कोई दाग नहीं, पर भाजपा में हैं, भाजपा से जुड़ना चाहते हैं तो वे सभी गंदे हो गये, क्योंकि पूर्व में कही और थे और आज भाजपा में चले गये।

भाई रवीश, इतना ध्यान रखिये, यहां की जनता किसी को भी चाहे वह नेता हो, या अभिनेता हो, या आप जैसा पत्रकार हो, वो तभी तक माथे पर रखती हैं, जब तक उसका झूठ उसे दिखाई नहीं पड़ता, पर जिस दिन उसे उसकी झूठ का पता चलता है, फिर वह कहीं का नहीं रहता, इसे आप गांठ बांध लीजिये, आप पत्रकार है, आप किसी के इशारे पर काम न करें, आपके लिए सारी पार्टियां समान है, जो भी गलत करें, उसे डंके की चोट पर गलत कहें, और जो सही है, उसे सही कहें, नहीं तो इस देश में किसी नेता को पप्पू तो किसी को फेंकू, किसी चैनल को छिः टीवी तो आपके चैनल को भी कुछ बेहतर नहीं कहा जा सकता, बस आपसे अनुरोध है कि आप किसी के इशारों पर न नाचें और न जनता को नचाने की कोशिश करें।