अपनी बात

जो अपनी मां की जय न बोले उसका खून गंदा है…

चूहों की तरह,

देश कुतर रहे नेता,

कल तिंरगा फहरा रहे थे,

गरीबी दूर का भाषण

और गरीबों को मिटा रहे थे,

 

खुद कर रहे कुकर्म,

सुकर्म का विश्वास दिला,

तालियां बटोरे थे,

विपक्षियों को वे धमका कर,

लोकतंत्र को बखाने थे

 

सीमा पर बंदूक तानें

सिपाहियों की नैतिकता

समझ आती हैं

पर खादी टोपी के नीचे

रहता खुराफाती,

जिससे भारत मां लजाती हैं

 

जो जितना पढ़ा,

उसका उतना गंदा दिमाग

करता प्रपंच हर दिन,

उसे लज्जा न आती है,

 

वंदे मातरम्

भारत माता की जय से

कुछ को उबकाई आती हैं

वो हर दम करता विरोध

जनता समझ न पाती हैं

 

जो अपनी मां की जय न बोले

उसका खून गंदा है

वो खुद बताता है

कि वो हैवान कितना है

 

जिस दिन भारतवर्ष को,

हम जान जायेंगे

न होगा दौर मुश्किल का

सभी खुशहाल तब होंगे

 

अरे, खुराफातियों

दिमाग पर जोर डालो

ये हिन्दुस्तान हैं सब का

मिलकर देश गीत गाओ

One thought on “जो अपनी मां की जय न बोले उसका खून गंदा है…

  • कदम कदम बढ़ाए जा,
    ख़ुशी के गीत गाए जा..
    ये जिंदगी है कौम की..
    तू कौम पर लुटाए जा।।
    जय हिन्द जय भारत,
    बन्दे मातरम्

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