पटना में राहुल की जन-आकांक्षा रैली यानी बिहार में ‘कांग्रेस अभी जिन्दा है’

पिछले तीस वर्ष से बिहार में अपनी शक्ति प्रदर्शन करने के लिए जो छटपटाहट कांग्रेस में थी, आप कह सकते हैं कि उसमें कांग्रेस आज सफल रही है, कांग्रेस ने आज के इस रैली के माध्यम से दिखाया कि बिहार में कोई भी पार्टी अब उसे नजरंदाज कर नहीं चल सकती, शायद यहीं कारण रहा कि उसकी रैली में महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने शिरकत की।

हालांकि कांग्रेस ने आज की रैली के लिए हर प्रकार के तिकड़म का सहारा लिया, जो तिकड़म अन्य पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता करते हैं, फिर भी आज की पटना रैली में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का दिखा जोश, जरुर राहुल गांधी के दिल को ठंडक पहुंचाई होगी, तभी तो राहुल गांधी ने भी पटनावासियों को जमकर तोहफे देने की घोषणा की, यह कहकर कि अगर वे सत्ता में आये तो पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे देंगे। उन्होंने अतिउत्साह में कहा कि जैसे ही उनकी सरकार आयेगी, देश में रह रहे हर एक गरीब व्यक्ति को एक मिनिमम आय उपलब्ध की जायेगी और हर किसी के बैंक खाते में एक फिक्स एमाउंट डाला जायेगा।

उन्होंने जैसा कि सर्वविदित हैं, अपने स्वाभावानुसार नरेन्द्र मोदी पर भी जमकर प्रहार किये, उन्होंने कहा कि भाजपा के इस बजट से किसानों को कुछ नहीं मिला है, दरअसल इस बजट के द्वारा सरकार ने किसान के परिवार के एक सदस्य को साढ़े तीन रुपये देने की घोषणा की है, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी। उन्होंने फिर कहा कि नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है। इधर जो दल कल तक कांग्रेस को बिहार से साफ करने की बात करते आ रहे थे, उन दलों में तीस वर्षों में काफी परिवर्तन आया है।

ब उनकी नजर में, कांग्रेस का स्थान भाजपा ने ले लिया है। कल तक शरद यादव और लालू प्रसाद जिस कांग्रेस को बिहार से साफ करने की बात किया करते थे, एक तरह से साफ भी कर दिया, अब उन्हें लगता है कि कांग्रेस के बिना महागठबंधन का अस्तित्व ही नहीं, पर आज की जन-आकांक्षा रैली में जुटी भीड़ से कांग्रेस शायद यह कहने में सफल रही कि महागठबंधन कांग्रेस को कमजोर न समझे, वह बिहार और यूपी में अपने खोए जनाधार को फिर से प्राप्त करने के लिए जो संघर्ष का उद्घोष किया है, वह अब जल्द ही जमीन पर दिखेगा, कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटे जीतेंगी।