अपनी बात

राहुल ने संसद में दुबारा कनखी मारकर सिद्ध किया कि उनके जैसा कनखी मारनेवाला कोई नेता नहीं

1885 में कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई, अपनी स्थापना के बाद से इस कांग्रेस पार्टी के कई महान नेता अध्यक्ष बने, जिनकी कीर्तियां आज भी गाई जाती है, पर उन महान नेताओं में शायद एक कीर्ति का अभाव रहा, वह था संसद में कनखी मारने का, जिसको पूरा किया वर्तमान कांग्रेस पार्टी के होनहार अध्यक्ष राहुल गांधी ने। राहुल गांधी सचमुच में होनहार हैं। कनखी मारना कोई सामान्य बात नहीं, कनखी मारने की कला सबको नहीं आती, कितने लोग उम्र गुजार देते हैं, पर उन्हें कनखी मारना नहीं आता।

संसद में कनखीमारने की हुनर सिर्फ राहुल के पास

जैसे करोड़ों लोगों में एक को ईश्वर की प्राप्ति होती है, ठीक उसी प्रकार लाखों कांग्रेसियों में से कोई एक कनखी स्पेशलिस्ट होता है। जबसे मैंने राहुल गांधी को दुबारा संसद में कनखी मारते देखा है, मैं तो इनका फैन हो गया हूं, मन करता है कि मैं इनके साथ एक सेल्फी ले लूं, क्योंकि इनके जैसा गुणज्ञ हमने अपनी जिंदगी में नहीं देखा। भाई किसी को मूर्ख बनाने की समझ रखते हुए कनखी मारना कोई मजाक बात नहीं हैं, यह विरले को ही ऐसी सुंदर कला प्राप्त होती है, हमें ये कहने में कोई दिक्कत नहीं कि राहुल गांधी, भले ही कुछ करें या न करें, पर भारत की जनता को इस कनखी मारने की कला में जरुर निपुण कर देंगे।

हम तो कांग्रेस के नये-नये कार्यकर्ताओं व नेताओं को आह्वान करेंगे कि आप अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से और कुछ सीखे या न सीखे, पर कनखी मारनेवाली कला जरुर सीख लें, क्योंकि आनेवाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जनता आपसे जरुर पूछेगी कि भाई आपके नेता राहुल गांधी तो संसद में कनखी मारते हैं, वह भी गंभीर मसले पर, क्या आपको कनखी मारने आता है? अगर कनखी मारने आता है तो थोड़ा भाषण के दौरान इस कला का प्रदर्शन करें, नहीं तो आप यहां से जा सकते हैं।

राहुल की एक कनखी भाजपा पर भारी पड़ सकती है

हमें लगता है कि आनेवाले चुनाव में राहुल गांधी की ये अद्भुत प्रतिभा, अद्भुत कला को देखने के लिए उनकी सभा में भारी भीड़ जुटेगी, भीड़ इतनी जुटेगी कि नरेन्द्र मोदी की सभा फीकी पड़ने लगेगी, क्योंकि नरेन्द्र मोदी को तो कनखी मारने की कला आती नहीं, वो तो सिर्फ चाय बनाना और चाय बेचना जानते है, आज उनको जरुर झटका लगा होगा, कि कहां वे चाय के चक्कर में पड़ गये, आज कनखी मार रहे होते, तो 2019 तो ऐसे ही पार कर लेते। भाजपाइयों को चाहिए कि अभी से कनखी मारने की कला का काट ढूंढे, नहीं तो बेड़ा गर्क समझिये।

कनखी बम को लेकर लड़कियां भी राहुल पर फिदा

भाई कनखी हैं ही ऐसी, लड़कियां तो इस कनखी मारनेवाले युवकों पर ऐसे ही जान छिड़कती हैं, और इधर जब बुढ़ापे की ओर कदम बढ़ाते, युवा दिखते राहुल जब कनखी मारने की कला को, बहुत बाद में दिखाई है, तो बेचारी लड़कियां इन पर क्यों न मरें, राहुल गांधी को चाहिए कि इस हुनर को किसी भी हाल में न छोड़ें, जब भी मौका मिले संसद में, इस कला का प्रदर्शन करते रहे, क्योंकि इस हुनर की डिमांड बढ़ती जा रही हैं, और जब लोकसभा के चुनाव की घोषणा हो तो, एक काम अवश्य करें, जैसे ही उनकी भाषण खत्म हो, अपने हाथ को हिलाते हुए, एक दो बार जनता कनखी मार दिया करें, कसम कांग्रेस के दिवंगत उन सारे अध्यक्षों की उनकी आत्मा सचमुच तृप्त हो जायेगी और राहुल बाबा भारत के अब तक के महान नेताओं से भी आगे निकल जायेंगे।

और इधर कनखीमार राहुल को निर्मला सीतारमण ने धो दिया

भारत के सारे मतदाताओं को संकल्प लेना चाहिए कि ऐसे होनहार और हुनरमंद व्यक्ति को अपना प्रधानमंत्री आज से ही मानकर, कांग्रेस के हाथों को मजबूत करें, ताकि ये व्यक्ति जब कभी विदेश दौरे पर जाये, तो वहां भी कनखी मारने की अपनी कला का प्रदर्शन कर सबको चकाचौंध कर दें, तथा भारत का मान बढ़ाएं, याद रखे, पहली बार ऐसा नेता मिला हैं, जो कनखी मारने के लिए संसद को अपना स्थान चुना हैं, जो अपने विरोधियों पर गंभीर आरोप लगाने के बाद भी, अपने ही प्रश्न को हास्यास्पद बनाने पर तुला रहता हैं, तभी तो आज रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बातो से कनखीमार राहुल को ऐसा धोया कि राहुल गांधी और उनके अनुयायियों को आज का दिन खुब याद रहेगा।