राजनीति

रघुवर सरकार आशीर्वाद यात्रा के नाम पर राजनीतिक निर्लज्जता की पराकाष्ठा को पार कर गई – झामुमो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास की जन आशीर्वाद यात्रा पर आज तीखी टिप्पणी की, तथा मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस जन आशीर्वाद यात्रा को पॉलिटिकल यात्रा न कराकर सरकारी यात्रा बता दिया। सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना था कि सीएम रघुवर दास जहां कहीं भी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जा रहे हैं, वहां से परिसम्पतियों का वितरण, तो कही शिलान्यास तो कही अन्य सरकारी कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं, जो सरकारी तंत्र और सरकारी राशि का दुरुपयोग हैं, साथ ही वे राजनीतिक निर्लज्जता की पराकाष्ठा को पार कर रहे हैं, क्योंकि वे कर रहे हैं जन आशीर्वाद यात्रा और हो रही हैं सरकारी यात्रा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ये अजीब विडम्बना है कि संथाल परगना से शुरु हुई उनकी यह यात्रा, मुख्यमंत्री को फ्रस्टेशन व क्षोभ से भर दे रही हैं, जिसका कारण है कि वे संथाल परगना की यात्रा के समय गोड्डा में चिरचिरा गये, कल हजारीबाग में तमतमा गये, सच्चाई यह है कि कोल्हान में लोग उनका चेहरा तक देखना पसन्द नहीं कर रहे, तभी तो डर से वे खरसावां नहीं गये। जमकर वे सरकारी तंत्र का उपयोग कर रहे हैं, जिसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता और ये राजनीतिक शुचिता भी नहीं हैं, उन्हें जो भी करना हैं, वे राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग न करें, बल्कि जो जनहित में कार्य करनी चाहिए, उसके लिए वे सरकारी तंत्र का उपयोग करें, क्योंकि देखने में आ रहा है कि स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह बदहाल है, लाचार पिता अपने पुत्र का लाश कंधे पर लेकर जा रहा हैं

खुद स्वास्थ्य मंत्री के जिले में लाश टेंपू पर ढोये जा रहे हैं, साहेबगंज जिले में बांस के सहारे एक गर्भवती महिला को अस्पताल लाया जा रहा हैं, और सरकार वाहवाही लूटने पर तुली है। कितने शर्म की बात है कि राजधानी रांची के लालपुर में दिन दहाड़े दो लोगों की हत्या कर दी जाती हैं, उस जगह पर जहां कई शिक्षण संस्थाएं हैं, बहुराष्ट्रीय बैंक हैं, वह भी वहां जहां से लालपुर थाने की दूरी मात्र 150-200 मीटर की हैं, पूरे राज्य में कानून व्यवस्था ठप है। यहां कोर्ट परिसर में घुसकर हत्या हो जा रही हैं, कोर्ट के कस्टडी में हत्याएं हो जा रही हैं, सरेआम सीएम हाउस के सामने हत्या हो जाती हैं, आखिर ये सब क्या है? मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए, पर वे जवाब देने के बजाय यात्रा चला रहे हैं।

इन्हीं सभी कारणों से राज्य का आदिवासी-मूलवासी आंदोलित हैं, और आनेवाले 19 अक्टूबर को रांची के हरमू में सरकार के प्रति अपनी नाराजगी दिखाने के लिए भारी संख्या में पहुंच रहा हैं। सुप्रियो भट्ट्चार्य ने कहा कि उस दिन पूरी रांची को तोरण द्वारों से सजा दिया जायेगा, जिसमें झारखण्ड की माटी की खुश्बू मिलेगी।

उन्होंने कहा कि लोगों की एक बहुत बड़ी जमात रेल तथा अन्य वाहनों से रांची आयेगी। उन्होंने कहा कि उस दिन भारत और दक्षिण अफ्रीका का क्रिकेट मैच भी है, इसलिए प्रशासन को चाहिए कि लोगों को दिक्कत न हो, इसकी वह खुद व्यवस्था करें। सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि उन्हें सूचना मिली हैं कि उनके लोगों को इधर रांची आने से रोकने के लिए सरकार विशेष योजना पर कार्य कर रही हैं, पर वे सरकार को बता देना चाहते है कि वह जितना भी दिमाग लगा लें, रांची की 19 अक्टूबर की सभा ऐतिहासिक होगी, और सरकार को बतायेगी कि उनके दिन लद चुके हैं, अब वह सत्ता से बाहर जाने के लिए अभी से तैयारी कर लें।