अपनी बात

भाजपा यानी हाथी के दांत दिखाने के कुछ और, और खाने के कुछ और, बाबू साहेब ने कमला को पार्टी से निकाला

भारतीय जनता पार्टी यानी हाथी के दांत दिखाने के कुछ और, और खाने के कुछ और, सीएम रघुवर के चहेते ढुलू महतो के खिलाफ यौन शोषण का केस करनेवाली महिला एवं भाजपा की जिला मंत्री कमला कुमारी को भाजपा ने आखिर पार्टी से निकाल ही दिया। भाजपा को देर-सबेर, कमला कुमारी को पार्टी से निकालना ही था, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं, पर चूंकि सीएम रघुवर दास कल धनबाद पहुंच रहे हैं और उसके दो दिन पहले कमला को पार्टी से निकालने का फैसला, और इस खबर को मीडिया तक स्वयं पहुंचाने की कला, राजनीतिक पंडितों को बेचैन कर दी हैं।

राजनीतिक पंडितों की माने, तो फिलहाल धनबाद भाजपा में अगर किसी की चलती हैं, तो वह हैं ढुलू महतो। यहां तो धनबाद के भाजपा सांसद पशुपति नाथ सिंह, सिंदरी के भाजपा विधायक फूलचंद मंडल, धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा, यहां तक कि झरिया के विधायक संजीव सिंह तक ढुलू महतो के आगे पानी भरते नजर आते हैं, तो बाकी भाजपा के जिला पदाधिकारियों और अन्य कार्यकर्ताओं की ढुलू महतो के आगे क्या औकात?

औकात तो धनबाद के प्रशासनिक अधिकारियों की भी ढुलू महतो के आगे कुछ नहीं, चाहे वह उपायुक्त हो या वरीय पुलिस अधीक्षक, धनबाद के सारे प्रशासनिक अधिकारी जानते हैं कि सीएम रघुवर दास की बाघमारा विधायक पर कृपा बरसती हैं। धनबाद में तो एक लोकोक्ति हैं कि बाघमारा का विधायक ढुलू महतो नाराज यानी राजधानी में बैठा मुख्यमंत्री रघुवर दास नाराज, और रघुवर दास को नाराज करने का मतलब बैठे-बैठे अपनी शामत बुला लेना।

यही कारण है कि पूरे धनबाद में भाजपा कार्यकर्ता की जो थोड़ी बहुत चलती हैं, वहीं बाघमारा में भाजपा कार्यकर्ताओं की जगह ढुलू महतो की पॉकेटी सेना, टाइगर सेना की चलती है, ये टाइगर सेना के लोग कुछ भी करते हैं, पर पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कुछ नहीं करती, और अगर टाइगर सेना के लोग पुलिस को कुछ भी बोल दें, तो फिर देखिये उस गरीब आदमी की शामत आनी तय हैं।

चूंकि मुख्यमंत्री रघुवर दास का जाति प्रेम सर चढ़कर बोलता हैं, वे अपनी जाति के लोगों को प्रश्रय भी देते हैं, तथा जाति सम्मेलनों में भाग लेकर, अपने लोगों को हमेशा मनोबल बढ़ाते रहते हैं, ऐसे में बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो पर कृपा नहीं बरसे, ये तो हो ही नहीं सकता। शायद यहीं कारण रहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास नाराज न हो जाये, इसलिए भाजपा के धनबाद जिलाध्यक्ष ने मौके की नजाकत समझी और बिना किसी कारण बताओ नोटिस के कमला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और ढुलू महतो से यह भी नहीं पूछा कि आप पर कमला ने जो यौन-शोषण का आरोप लगाया है, उसके बारे में क्या कहना हैं?

चूंकि धनबाद के चंद्रशेखर सिंह अपनी औकात जानते हैं, कि ढुलू से कोई सवाल करने का मतलब, अपनी पद-प्रतिष्ठा दोनों से हाथ धोना हैं, इसलिए उन्होंने कमजोर व पीड़ित महिला पर ही तलवार चला दिया और कमला को पार्टी से बाहर निकाल दिया, यह हैं भाजपा का बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान का सबसे सुंदर उदाहरण।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो अगर कमला कुमारी को निकालना ही था, तो जब वह एक साल पहले बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो पर यौन-शोषण का आरोप लगाई थी, तथा ऑनलाइन आवेदन कतरास थाना को दिया था, तभी वह बाहर का रास्ता दिखा सकती थी, पर अब चूंकि मामला हाई कोर्ट में हैं, और हाईकोर्ट के दबाव पर कतरास थाना में बाघमारा भाजपा विधायक ढुलू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई, और अब चूंकि सीएम रघुवर दास का दौरा धनबाद में होने जा रहा हैं, और इस धनबाद दौरे में यत्र-तत्र-सर्वत्र, ढुलू ही ढुलू नजर आ रहे हैं तो बेचारे चंद्रशेखर सिंह यानी बाबू साहेब क्या करेंगे?

चूंकि पूरी धनबाद भाजपा को एक तरह से ढुलू ने अपने कदमों में झूका लिया हैं, और बाघमारा में भाजपा का मतलब टाइगर सेना होता है, तो ऐसे में ढुलू और ढुलू की सेना से कौन टकरा जाये, वह भी तब जब ताल ठोककर ढुलू के पक्ष में शहंशाह-ए-झारखण्ड यानी सीएम रघुवर दास खड़े हो।

सूत्र बताते है कि कल की घटना बताने के लिए काफी है कि इन्साफ मांग रही कमला को अब इन्साफ नहीं मिलेगा, क्योंकि जब उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक ही केवल ढुलू से हाथ मिला लेने के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस करते हो, तो कमला को न्याय कौन दिलायेगा? क्योंकि यौन शोषण की जांच आदि या इस कांड से संबंधित रिपोर्ट तो स्थानीय प्रशासन को ही सौंपनी हैं, और स्थानीय प्रशासन वहीं सौंपेगा, जो शहंशाह-ए-झारखण्ड चाहेंगे, ऐसे में अन्त में निगाहें, अब केवल झारखण्ड उच्च न्यायालय पर टिकी है, कि वह इस पर अपनी क्या फैसला सुनाता हैं?

ऐसे जब से कमला कुमारी ने सीएम रघुवर के चहेते बाघमारा विधायक ढुलू महतो पर यौन शोषण का आरोप लगाया हैं, उसके परिवार और उसके पति को किस प्रकार प्रताड़ित किया जा रहा हैं, उसे कैसे-कैसे झूठे केस में फंसाया जा रहा हैं, या जो उसकी मदद कर रहे हैं, उसे कैसे स्थानीय पुलिस और ढुलू के लोग बर्बाद करने पर तूले हैं, ये सबके सामने हैं, लेकिन लोग उसके बावजूद भी गलत के खिलाफ, आतंक के खिलाफ सर उठाकर जी रहे हैं, उसका मुकाबला कर रहे हैं, ये आश्चर्य करनेवाली बात है।

हालांकि कुछ दिन पहले ही कमला को ढुलू समर्थकों ने गंदी-गंदी गालियां फेसबुक पर पोस्ट की, जिसके प्रमाण विद्रोही24.कॉम के पास भी मौजूद हैं, यह बताने के लिए काफी है कि कमला पर कितना बड़ा अत्याचार चल रहा हैं, ऐसे में अगर कुछ बड़ा हादसा कमला के साथ  हो जाता हैं, तो उसके लिए कौन जिम्मेवार होगा? कम से कम भाजपा के तथाकथित सम्मानित लोग, उपायुक्त अथवा वरीय पुलिस अधीक्षक धनबाद को तो बताना ही चाहिए, पर ये बतायेंगे, ऐसा दिखता नहीं। फिलहाल सीएम के चहेते ढुलू के घर-आंगन में आ रहे शहंशाह-ए-झारखण्ड रघुवर दास का, ढुलू के टाइगर सेना द्वारा होनेवाले स्वागत का मजा लीजिये, क्योंकि बाघमारा में भाजपा तो कब का स्वाहा हो गया, वहां तो ढुलू है और ढुलू की टाइगर सेना, बाकी भाजपा वहां तो गई तेल लेने।