अपनी बात

प्रभात खबर ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, राज्य प्रशासन और निर्वाचन आयोग ने साधी चुप्पी, CPIML ने उठाए सवाल

“प्रभात खबर” खुद छाती पर हाथ रख कर बोले कि क्या उसने आज मुख पृष्ठ पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2.67 लाख की सब्सिडी का विज्ञापन निकालकर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया और रांची जिला प्रशासन बताएं कि उसने इस पर क्या एक्शन लिया? रांची जिला प्रशासन यह भी बताएं कि जिस संस्थान ने इस प्रकार के विज्ञापन जारी किये, उस पर उसने कौन सी धाराएं लगाकर, किस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई, और साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग यह भी बताएं कि उसने प्रभात खबर, विज्ञापन देनेवाली संस्था और जिला निर्वाची पदाधिकारी (जिसने इस पूरे प्रकरण को नजरंदाज किया) उसके खिलाफ क्या एक्शन लिया?

पूरा देश देख रहा है कि झारखण्ड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, आदर्श आचार संहिता लागू है, पर कमाल है, जिला प्रशासन, राज्य प्रशासन और अखबार की तिकड़ी का, जो जमकर वह कार्य कर रही हैं, जिसकी इजाजत चुनाव आचार संहिता नहीं देता, पर किसी को इसकी चिन्ता नहीं हैं, सभी अपने – अपने ढंग से इस आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं, पर जैसे ही किसी निरीह प्राणी से थोड़ी सी गलती हो जाय, या विपक्ष की ओर से गलती हो जाये तो फिर देखिये इनका झकझूमर। हम अभिनन्दन करते हैं, भाकपा माले का। जिसने इस मुद्दे पर सभी का ध्यान आकृष्ट कराया और एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की, और चुनाव आयोग को भी इस मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया।

भाकपा माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने आज रांची के एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार (प्रभात खबर) का फ्रंट पेज में , “प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 2.67 लाख की सब्सिडी उपलब्ध, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहला घर खरीदने, आसान होम लोन के फायदों का लाभ उठाए” विज्ञापन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस पूरे एक पेज के विज्ञापन को भाजपा के हित में, दिया गया सरकारी विज्ञापन  करार देते हुए इसे सरेआम चुनाव आचार संहिता का घोर उलंघन बताया।  

उन्होंने कहा कि मतदान का पहला दौर बीत जाने के बाद भाजपा द्वारा इस तरह से सरकारी प्रचार के जरिए मतदाताओ को प्रभावित करने का कुप्रयास न सिर्फ आचार संहिता का घोर उल्लंघन  है, बल्कि शर्मनाक रूप से अनैतिक और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पहले दौर का मतदान सम्पन्न होने के बाद भाजपा की डूबती नैया को देखकर शायद रघुवर दास और भाजपाई नेतागण घबराहट के शिकार हो गये है। लिहाजा, बिल्कुल लापरवाही से बेशर्मी से चुनाव आचार संहिता का घोर उलंघन किया जा रहा है।

इसी कारण से ही झारखंड के विधानसभा चुनाव को पांच चरणों मे मतदान करने का फैसला चुनाव आयोग ने किया है। जबकि पहले दौर के मतदान से यह प्रमाणित है कि कोई उग्रवादी/माओवादी गतिविधि ने मतदाताओं को मतदान करने से रोक नही सकी। मतदान के प्रतिशत में काफी वृद्धि हुई है। मतदान शांतिपूर्ण रहा है। इसी कारण भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मे किसी सांठगांठ को नजरअंदाज नही जा सकता है।

अंत मे उन्होंने चुनाव आयोग से आचार संहिता उलंघन इस घटना पर भाजपाइयों पर उचित कार्यवाही करने की मांग की और झारखंडी जनता से अपील की कि जल जंगल जमीन को छीननेवाले, रोजगार को समाप्त कर झारखंड को लूट के चारागाह में बदल देनेवाली भाजपा सरकार को भारी मतदान कर उखाड़ फेंके।