पीएम की सभा में भीड़ लाने का जिम्मा धनबाद प्रशासन के मत्थे, दलितों ने की बहिष्कार की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज धनबाद पहुंच रहे है। आज वे सिंदरी खाद कारखाने का शिलान्यास करेंगे। उस खाद कारखाने का शिलान्यास करेंगे, जिसका उद्घाटन कभी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु ने किया था, जो सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा होने के कारण मृत्यु शैय्या पर पड़ा है, उसे पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी धनबाद की जनता से वायदा किया था कि वे सिंदरी खाद कारखाने का पुनरुद्धार करेंगे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केन्द्र में शासन के चार साल बीत चुके है, ये चुनावी वर्ष है, अब चुनावी वर्ष को देखते हुए, उन्होंने सिंदरी खाद कारखाने का शिलान्यास करने का बहाना बनाया है, वे जानते है कि 2019 में उन्हें अब आना नहीं है, क्योंकि जनता उनके द्वारा किये गये वायदों और दिखाये गये सपनों से काफी खफा है, इसलिए उन्होंने सिंदरी खाद कारखाने का शिलान्यास करने की बात कही है।

अब यहां की जनता इस बात को लेकर कन्फ्यूज्ड है कि क्या सिंदरी खाद कारखाना जो पहले से ही स्थापित है, उसका पुनरुद्धार किया जायेगा, या फिर से नया सिंदरी खाद कारखाना खोला जायेगा, फिलहाल इस कन्फ्यूजन से दूर, आम जनता को इससे कोई मतलब नहीं, वह प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से खुद को अलग रख रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जनता की नाराजगी की जानकारी है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भीड़ लाने के लिए स्थानीय प्रशासन पर दबाव डाला है। स्थिति ऐसी है कि उपायुक्त से लेकर बीडीओ-सीओ सभी परेशान है, इसके लिए वे कई स्थानों पर जनसम्पर्क अभियान चलाया है, बैठके की हैं, तथा प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ कैसे इकट्ठी हो, उसके लिए भागीरथी प्रयास किया है, पर भीड़ जुटाने के नाम पर इतना तो यह है कि इनके हाथ-पांव फूल रहे है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भीड़ जुटाने की जिम्मेवारी बीडीओ-सीओ ने उठा लिया है। आबादी व सरकारी योजनाओं की लाभुकों की संख्या के आधार पर अधिकारियों को भीड़ जुटाने का टास्क दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभुकों तथा आवेदकों को विशेष रुप से सभा में लाने को कहा गया है, जिला के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि हर प्रखण्ड व अंचल से अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी दिखाई जाये, इसमें कोई कोताही न बरती जाये।

सभा में लोगों को ले जाने-ले आने की जिम्मेवारियों के कारण अधिकारियों का दल परेशान है।  कनीय कर्मचारियों के साथ-साथ योजनाओं से जुड़े गैर सरकारी लोगों को भी प्रखण्ड स्तर के अधिकारियों ने लगा रखा है। गांव-गांव व टोलों में जाकर लोगों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कहा गया है। गांव वालों को बताया जा रहा है कि सभा स्थल तक जाने और वहां से घर पहुंचाने तथा खाने-पीने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। धनबाद डीटीओ ने भी सभी अधिकारियों को जरुरत के मुताबिक वाहनों को व्यवस्थित कर रखा है।

इधर एफसीआई प्रबंधन ने अब तक हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के नाम सिंदरी खाद कारखाना की जमीन स्थानांतरित नहीं की, जमीन स्थानांतरण प्रक्रियाधीन है। एफसीआई ने हर्ल को सिर्फ काम करने की अनुमति दी है। यह जानकारी झारखण्ड विकास मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव रमेश राही को एफसीआई ने सूचना के अधिकार के तहत मांगे गये सवालों के जवाबों में दी  है। रमेश राही ने बगैर जमीन ट्रांसफार हर्ल को सिंदरी इकाई के शिलान्यास पर सवाल भी उठाया है।

दुसरी ओर दलित नेता दिलीप राम कहते है कि बलियापुर में पीएम मोदी के होनेवाले कार्यक्रम में जबरन भीड़ जुटाने का काम हो रहा है। भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सरकारी-अर्द्धसरकारी कर्मचारी और अन्य अधिकारियों को सौंपा गया है। भाजपा सरकार पूरी तरह से सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। पीएम मोदी के आगमन में धनबाद की जनता में कोई खुशी या उत्साह नहीं दीख रहा। जागरुक जनता यह भली-भांति जान रही है कि सिन्दरी खाद कारखाना तो एक बहाना है, असल में यह कार्यक्रम 2019 की लोकसभा चुनाव की तैयारी है। दिलीप राम कहते है कि वे सरकारी तंत्र का इस प्रकार हो रहे दुरुपयोग की कड़ी निन्दा करते है।

दिलीप राम कहते है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भीड़ लाने के लिए उपायुक्त से लेकर बीडीओ-सीओ तथा राज्य के बड़े-बड़े अधिकारी लगे है, बीजेपी के छोटे से लेकर बड़े नेता मुहल्लों में जाकर पैसे बांट रहे हैं और दूसरी ओर ये कहते है कि मोदी की सभा में आई भीड़, मोदी मैजिक का नतीजा है, इससे बढ़कर बेशर्मी और क्या हो सकती है? दिलीप राम ने सभी अनुसूचित जाति/जन जाति के लोगों से अपील की है कि वे पीएम मोदी के कार्यक्रमों में शामिल न हो, उनके कार्यक्रम का बहिष्कार कर, चट्टानी एकता का परिचय दें।