अपनी बात

काश जो दर्द, युवाओं के लिए राज्यपाल के मुख से छलका, वो दर्द CM के मुखमंडल पर दिखाई पड़ता

आम जनता तो यहीं चाहती है कि जो दर्द वो महसूस करती है, उसके रहनुमा उस दर्द को समझ पाते हैं या नहीं। बधाई झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को, जो राज्य की जनता के दर्द को बखूबी समझती हैं और उस दर्द को उन्होंने ग्लोबल स्किल समिट में बड़े ही शानदार ढंग से रखा, ये अलग बात है कि इस ग्लोबल स्किल समिट में आये कंपनियों के मत्थे वह बात चढ़ी या नहीं, अथवा राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के मस्तिष्क में ये बात गई या नहीं।

आखिर राज्य की राज्यपाल ने कहा क्या? वहीं बात जो राज्य की जनता समय-समय पर उनसे कहती रही हैं। आज बड़े ही भावुक होकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस ग्लोबल स्किल समिट में वह कहना चाहेंगी कि झारखण्ड के युवाओं को सम्मानजनक राशि मिले, उनका शीघ्र ही अथवा एक-दो माह में ही नौकरी त्याग करने की नौबत न आयें, इस ओर आप सभी सोचे। वह तो सहज ही उपलब्ध रहती है और लोगों से मिलना उनकी दिनचर्या में शामिल है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कभी-कभी लोग उनसे यह कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चे को लोन लेकर पढ़ाया और उसका कैम्पस सेलेक्शन हुआ, तो बड़ी खुशी हुई, चलो उनके बच्चों को नौकरी मिल गई, अब घर ठीक से चलेगा, लेकिन जब उनके बच्चों को बेंगलुरु, मुम्बई, हैदराबाद, चेन्नई जैसे स्थानों अथवा विदेशों में भेजा जाता है और वेतन अत्यन्त कम दिया जाता है, उसका परिणाम यह होता हैं कि वे वापस चले आते हैं।

उन्होंने सभी कम्पनियों से आग्रह किया कि वे इन युवाओँ के प्रति सकारात्मक सोच रखे, उनसे वे पूरा काम जरुर लें, पर मेधा का सम्मान भी करें, उनकी दशा को अपनी सन्तान की दशा समझकर कोई निर्णय लें। याद रखें, नौकरी मिलने में उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितना की नौकरी जाने का गम। यहीं कारण है कि झारखण्ड के युवा डिप्रेशन में चले जाते हैं, इसलिए सभी इस पर चिन्तन करें, क्योंकि हमारे देश की सामाजिक, आर्थिक एवं  राजनीतिक दशाएं युवाओं पर ही निर्भर है, और उन पर ही राष्ट्र का भविष्य निर्भर है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश की विभिन्न कंपनियां, औद्योगिक घराने हमारे युवाओं में निहित ऊर्जा एवं शक्ति को सही दिशा दें, ताकि वे और दक्ष बनें। वे सदा अच्छा करने की ओर प्रेरित हो तथा राष्ट्र के बेहतर निर्णायक बने।

उन्होंने झारखण्ड के सभी युवाओं को आह्वान किया, कि वे अपने अंदर छुपी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना सीखें, जब दूसरे आपको नौकरी देने के लिए आपकी ओर आ रहे हैं, तो आप ऐसा करें कि आप स्वयं नौकरी देनेवाले बनें, ये संभव है, जिस दिन आप यह करने की ठान लेंगे, उसी दिन झारखण्ड में नया सवेरा हो जायेगा, जरुरत हैं, अपने अंदर छुपी इस असीम ऊर्जा को पहचानने की।