अपनी बात

भाकपा माले को इन्कलाब जिन्दाबाद की जगह अब जयश्रीराम का नारा लगाना चाहिए

जनता के सामने नारे लगाओ, लाल झंडा करे पुकार, इन्कलाब जिन्दाबाद और जब इन्कलाब की परीक्षा देने की घड़ी आये तो उस इन्कलाब को भाजपाइयों के आगे दफना दो। अरे जब भाजपा को ही समर्थन करना है तो इस प्रकार का ढोंग क्यों? जनता के साथ इतना बड़ा धोखा क्यों? आप सीधे भाजपा के साथ गठबंधन कर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं लड़ जाते, इसमें आपको पैसे भी मिलेंगे और सीटे भी मिलेगी।

आज झारखण्ड के इतिहास में वह हुआ, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। राज्यसभा चुनाव के मतदान के दिन, भाकपा माले के एकमात्र विधायक ने ऐसी चाल चली, कि जिससे वह खुद भी बच जाये और भाजपा को इसकी मदद भी मिल जाये। उसकी चालाकी के कारण, उसका वोट रद्द हो गया और इसका फायदा भाजपा उठा ले गई।

भाकपा माले के उक्त विधायक की इस हरकत से, झारखण्ड में रह रहे ऐसे असंख्य लोगों को मानसिक आघात पहुंचा है, जो भाकपा माले को चारित्रिक गुणों से संपन्न पार्टी मानती थी। ये वहीं पार्टी हैं, जिसमें कभी महेन्द्र प्रसाद सिंह हुआ करते थे, जिनकी ईमानदारी और चरित्र की गाथा झारखण्ड ही नहीं, बिहार की विधानसभा भी गाया करती थी, इसी पार्टी में स्व. महेन्द्र प्रसाद सिंह के बेटे विनोद कुमार सिंह ने भी अपने चाल-चरित्र से पार्टी और जनता का सम्मान बढ़ाया और एक आज का भाकपा माले विधायक राज कुमार यादव है, जो राज्य सभा में इस प्रकार से वोटिंग करता है, जिससे भाजपा को फायदा मिल जाये।

ऐसे भी भाजपा की रणनीति थी कि उनके विरोधी खेमे के विधायक भले ही उन्हें वोट न दें पर ऐसा जरुर करें, जिसका लाभ उनकी पार्टी को मिल जाये, भाकपा माले राजकुमार यादव ने भाजपा के इस रणनीति का तहेदिल से समर्थन किया।

कल की ही बात है, एक उद्योगपति ने विद्रोही 24. कॉम को कहा था कि देखियेगा, कल भाकपा माले का विधायक ऐसा चाल चलेगा, जिसे देख-सुन सभी हतप्रभ हो जायेंगे, हमारी उससे इस मुद्दे पर टकराव भी हो गया। विद्रोही 24.कॉम ने उक्त उद्योगपति को कहा कि ऐसा कभी संभव नहीं है, क्योंकि भाकपा माले ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो जनहित की राजनीति करती हैं, जनक्रांति की बात करती है, उसके विधायक से ऐसी सोच की आशा नहीं की जा सकती, फिर भी कल उद्योगपति ने जो कहा, आज उसकी बात अक्षरशः साबित हो गई।

सचमुच झारखण्ड में राज्य सभा के चुनाव ने वामपंथियों के चालचरित्र को उजागर कर रख दिया हैं। ऐसा लग रहा है कि वामपंथियों ने भाजपा के चरणों में अपना सर रखकर यह कह दिया कि तुम हो तो हम है, तुम नहीं तो मेरा अस्तित्व ही नहीं। हमेशा लाल झंडा करे पुकार, इंकलाब जिन्दाबाद का नारा देनेवाले वामपंथियों ने भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए ऐसा खेल खेला कि सभी अवाक् रह गये, क्योंकि झारखण्ड के लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भाकपा माले जैसी पार्टी इस प्रकार की हरकत करेगी।

आश्चर्य इस बात की है कि भाकपा माले विधायक ने उस दिन ऐसा खेल खेला, जिस दिन भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव का शहादत दिवस है। आज भाकपा माले का राष्ट्रीय महाधिवेशन पंजाब में शुरु हुआ है, अब सवाल उठता है कि जब भाकपा माले जैसी पार्टियों में भी वहीं हरकत दिखाई पड़ेगी, जो देश व राज्य की अन्य पार्टियों में हैं तो भला लोग भाकपा माले को आनेवाले लोकसभा व विधानसभा चुनावों में वोट क्यों करें या उस पर विश्वास क्यों करें? भाकपा माले के लोग यकीन मानें, आज उनके विधायक की यह हरकत, पूरी पार्टी के विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है।

शर्मनाक, ये जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा हैं, विश्वासघात है, भाजपा से हम चरित्र की आशा कभी रख ही नहीं सकते, क्योंकि ये कैसी पार्टी है, और क्या हरकत कर रही हैं, उसकी तो धज्जियां उसके कार्यकर्ता ही नगर निकाय के चुनाव में उड़ा रहे हैं। हम इस संबंध में दूसरे से क्या पूछे, पर भाकपा माले, तुम्हें नहीं पता कि तुम्हारे इस विधायक राज कुमार यादव ने आज की अपनी हरकतों से झारखण्डियों के दिलों पर रोलर चलवा दिया। ये अलग बात है कि इस कुटिल चाल के बावजूद भाजपा को झारखण्ड के राज्यसभा चुनाव में बहुत बड़ा झटका लगा और आखिरकार भाजपा के उम्मीदवार को हार का ही स्वाद चखना पड़ा।