अपनी बात

न रेलयात्रियों को और न ही परीक्षार्थियों को परेशानी, रांची जं. पर RPF-GRP ने संभाली कमान

बहुत दिनों के बाद, रांची जंक्शन पर देखने को मिला कि न तो परीक्षार्थियों को परेशानी हो रही थी और न ही रेलयात्रियों को। आरपीएफ और जीआरपी ने पूरी तरह से कमान संभाल लिया था। परीक्षार्थियों को सेफ जर्नी करने की हिदायत दी जा रही थी, कहीं कोई ऐसी गतिविधियां नहीं दिखी, जिस पर आप अंगूली उठा सकें, चूंकि कल आइआरबी की परीक्षा थी, विभिन्न सुदुरवर्ती इलाकों से लाखों की संख्या में परीक्षार्थी रांची पहुंचे थे।

आम तौर पर देखा जाता है कि जब परीक्षा समाप्त होती है, तो ये परीक्षार्थी ट्रेनों के उन बॉगियों पर भी कब्जा जमा लेते हैं, जो आरक्षित होती है, इस कारण कई रेलयात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

स्थिति तो ऐसी हो गई है कि अब कोई भी रेलयात्री शनिवार और रविवार को रेलों से यात्रा करने में दस बार सोचता है कि कहीं ऐसा नही कि परीक्षार्थियों के कारण उनकी यात्रा कठिनाइयों का सबब बन जाये, पर जब कल जैसी व्यवस्था हर जगह हो, तो हमें नहीं लगता कि किसी को दिक्कत भी हो सकती है।

सायं 7 बजे, रांची जंक्शन। 18624 हटिया पटना एक्सप्रेस एक नंबर प्लेटफार्म पर लग रही हैं। जो टिकट खरीदे हैं, जिनको आरक्षण हैं, उनके हाथ पांव फूले हुए है, भीड़ को देखकर। इसी बीच कुछ-कुछ दूरी पर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को देखकर कुछ उन्हें आशा बंधती है, सब कुछ ठीक रहेगा। इसी बीच परीक्षार्थियों का दल अपने स्वाभावानुसार सभी बॉगियों में कब्जा जमाना शुरु करते हैं और आरपीएफ और जीआरपी के जवान मौके की नजाकत समझते हुए, सभी से सहयोग की अपील करते हुए, आरक्षित बॉगियों में यात्रा करनेवाले रेलयात्रियों को स्थान दिला देते है।

किसी महिला रेलयात्री को कोई दिक्कत न हो, इस पर भी सीसीटीवी द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही थी। अब सवाल उठता है कि जब सारी व्यवस्था आपके पास है, आप बेहतर कर सकते हैं, तो यह हमेशा क्यों नहीं? आखिर क्यों परीक्षा के दिन रेलयात्रियों को परीक्षार्थियों के कारण दिक्कतें हो जाया करती है।

कल हटिया आनन्दविहार एक्सप्रेस हो या पटना जनशताब्दी या रांची दुमका एक्सप्रेस सभी ट्रेनों में मारा-मारी थी, पर यह भी सच है कि किसी रेलयात्री को उतना दिक्कत नहीं उठना पड़ा, जितना आम दिनों की तरह होता है। सचमुच आरपीएफ और जीआरपी के जवानों और रांची रेल मंडल के उन रेल अधिकारियों की प्रशंसा करनी होगी, जिनकी सूझ-बूझ ने कमाल दिखाया और रेलयात्री भारी असुविधा से बच गये।