अजब-गजब, महानवमी को महाअष्टमी बना डाला सीएम रघुवर दास और उनके भक्तों ने…

आज नवरात्र का अंतिम दिन। कहा भी जाता है – नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। आज मां के नवे रुप सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो समस्त सिद्धियों को देनेवाली है। मां सिद्धिदात्री के पूजन के पश्चात ही नवरात्र का यह महापर्व समाप्त हो जाता है। सिद्धिदात्री का ध्यान का मंत्र है –

सिद्ध गंधर्व यक्षाद्यैर सुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

पर झारखण्ड सरकार आज नवमी के दिन को नवमी तिथि मानने को तैयार नहीं, वह अपने विज्ञापन के माध्यम से बता रही है कि आज महाअष्टमी है, महाअष्टमी का ध्यान करिये। उसका प्रमाण है सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा निकाला गया वह विज्ञापन, जिस विज्ञापन में सूचना एवं जनसम्पर्क के विद्वानों ने आज महाअष्टमी का श्लोक दे दिया है। आम तौर पर ये श्लोक महाअष्टमी के लिए है, जिससे महागौरी का ध्यान किया जाता है। जिसका मंत्र है –

श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्दान्महादेव प्रमोददा।।

रांची के विद्वानों के समूह ने राज्य सरकार द्वारा निकाले गये इस विज्ञापन और नवमी तिथि के दिन अष्टमी के मंत्र का प्रयोग करने पर, इसकी कड़ी आलोचना की है। प्रसिद्ध विद्वान पं. गोपाल पाठक ने कहा है कि इतनी बड़ी गलती, सरकार में बैठे लोग कैसे कर देते हैं? उन्हें समझ में नहीं आ रहा। जब भी संस्कृत श्लोकों का प्रयोग करें तो कम से कम विद्वानों से परामर्श तो ले लें, ताकि किसी की भावना आहत न हो, तथा धर्म का मूल स्वरुप प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निकाला गया यह विज्ञापन, पूर्णतः गलत और राज्य की जनता को भरमानेवाला है। पं. रामदेव पांडेय ने भी सरकार के इस विज्ञापन पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नवमी के दिन अष्टमी के मंत्र का प्रयोग सर्वथा अनुचित है, क्योंकि महाअष्टमी का पर्व समाप्त हो गया है, आज महानवमी है और सर्वत्र मां के नवे रुप सिद्धिदात्री का पूजन चल रहा है।

इधर विद्वानों का समूह गुस्से में हैं, पर यहां सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग और मुख्यमंत्री रघुवर दास को कौन समझाएं, जो मन करे, विज्ञापन निकालकर, आम जनता को, झारखण्ड में रह रहे मां के साधकों को विज्ञापन के माध्यम से गलत जानकारियां और उनकी भक्ति को प्रभावित कर रहे हैं। मां भगवती, सीएम रघुवर दास और उनके द्वारा आयातित विज्ञापन कंपनियों को सद्बुद्धि दें, ताकि महाशक्ति के इस महापर्व को वे मजाक न बना सकें।