ले लोटा, ये क्या हो गया, झामुमो विधायक जय प्रकाश पटेल तो “मोदी-मोदी” चिल्लाने लगा

सचमुच आज का दिन झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को हैरान और परेशान करनेवाला है, क्योंकि कट्टर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा परिवार का एक सदस्य “मोदी-मोदी” चिल्लाने लगा है, उसे मोदी और भाजपा में ही देश व राज्य सुरक्षित दीख रहा है, वह डंके की चोट पर कह रहा है कि वह पूरे राज्य में सभी चौदहों सीटों पर एनडीए गठबंधन को जीताने का काम करेगा, हालांकि उसकी उतनी ताकत नहीं कि वह ऐसा करके दिखा दें, पर जिस प्रकार से उसने अचानक “मोदी-मोदी” की रट लगानी शुरु कर दी हैं, उससे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को झटका तो जरुर ही लगा है।

इस विधायक का नाम हैं – जय प्रकाश पटेल, जो मांडू से झामुमो विधायक है। इनके पिता स्व. टेक लाल महतो, कभी गिरिडीह से झामुमो टिकट पर सांसद भी रह चुके हैं, कई बार मांडू से ही विधायक रहे, तथा झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खासमखास भी रहे। अचानक मांडू विधायक जय प्रकाश पटेल के इस बयान को सुन कई लोग हैरान हैं। जय प्रकाश पटेल का साफ कहना है कि झारखण्ड में जहां भी कही टेक लाल महतो के समर्थक और उनके चाहनेवाले हैं, वे एनडीए के पक्ष में काम करेंगे,  क्योंकि महागठबंधन एक बेमेल गठबंधन है, इससे देश व राज्य का भला नहीं होनेवाला। जय प्रकाश पटेल आज हजारीबाग स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में ये बातें कहीं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो दरअसल जय प्रकाश पटेल की महत्वाकांक्षा बहुत बड़ी हैं, वे चाहते थे कि झामुमो के टिकट पर वे गिरिडीह से चुनाव लड़ें, पर जगरनाथ महतो की प्रबल दावेदारी के आगे इनकी एक न चली, जिसको लेकर ये झामुमो से गुस्से में हैं, इसलिए उन्होंने भाजपा के पक्ष में अपना आवाज बुलंद करना प्रारम्भ कर दिया है, हालांकि इनका जनाधार एक छोटे से इलाके को छोड़कर कही नहीं हैं, पर हजारीबाग जैसे इलाके में पड़नेवाले मांडू इलाके में थोड़ा असर तो जरुर पड़ेगा।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो वे यह भी कहते हैं कि जय प्रकाश पटेल का अचानक मोदी राग गाना, कोई ऐसे ही नहीं हुआ हैं, भाजपा वाले झामुमो और महागठबंधन को तोड़ने के लिए कई प्रकार से तिकड़म भिड़ा रहे थे, जिसमें उन्हें गिरिनाथ सिंह और अन्नपूर्णा देवी को तोड़ने में वे सफल भी रहे, पर वे झामुमो में सेंध नहीं लगा पा रहे थे, झामुमो में सेंध लगाकर उन्होंने झामुमो को एक तरह से कमजोर करने की कोशिश की है, पर उन्हें नही लगता कि झामुमो पर इसका कोई असर भी पड़ेगा, क्योंकि जिस जनता ने मन बना लिया है कि उन्हें भाजपा को वोट नहीं देना हैं, तो ये कुछ भी कर लें, वे नहीं ही देंगे और जिसने ये मन बना लिया है कि भाजपा को वोट देना हैं तो आप कुछ भी कर लें, कुछ होनेवाला नहीं हैं।

हां इससे एक बात तो तय है कि मांडू के वर्तमान झामुमो विधायक के राजनीतिक सेहत पर इसका जरुर असर पड़ जायेगा, अगर उन्हें ये लगता है कि मोदी लहर में वे अपना राजनीतिक सेहत सुधार लेंगे, उन्हें कुछ अच्छा मिल जायेगा, तो ये भूल में वे न रहें, यहां लेनी के देनी भी पड़ सकती हैं। शायद उन्हें ये पता नहीं कि भाजपा एक ऐसा समंदर हैं, जिसकी लहर में समाने पर उनकी राजनीतिक हैसियत का पता भी नहीं चलेगा और फिर उस लहरों के आगे वे किस समुद्रीय तट के किनारे फेंकायेंगे, पता ही नहीं चलेगा।