सिल्ली में आज भी झामुमो के अमित महतो का खूंटा उतना ही मजबूत है, जितना कल था

सिल्ली के झामुमो विधायक अमित महतो सहित आठ लोगों को अपर न्यायायुक्त (एजेंसी) दिवाकर पांडे की अदालत ने  23 मार्च को सोनाहातू के पूर्व सीओ आलोक कुमार के साथ मार-पीट करने के आरोप का दोषी पाते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई। जैसे ही अमित महतो को दो साल की सजा सुनाई गयी, वैसे ही सिल्ली के विधायक अमित महतो की विधायकी चली गई। अब वे सजा की अवधि समाप्त होने के छह साल बाद तक कोई चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।

जैसे ही यह सजा सुनाई गई, अमित महतो के चाहनेवालों पर तो जैसे लगा कि वज्रपात ही हो गया, क्योंकि सिल्ली विधानसभा निवार्चन क्षेत्र से अमित महतो ने 2014 के विधानसभा चुनाव में आजसू सुप्रीमो एवं भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुदेश कुमार महतो को भारी मतों से पराजित कर राजनीतिक पंडितों कीं नींद उड़ा दी थी, लोगों ने अनुमान तक नहीं किया था कि सिल्ली की जनता ऐसा फैसला देगी, पर जनता तो जनता है, वह फैसला कर चुकी थी।

इधर अमित महतो के विधायकी जाने की सूचना आने के बाद, एक बार फिर सिल्ली जाकर आम जनता के मन को टटोलने का, हमें मौका मिला। जो रांची के अखबारों के संपादकों और पत्रकारों की फौज कुछ लेकर, अमित महतो के खिलाफ माहौल होने की बात करते हैं, वे भूल रहे हैं कि सिल्ली में अमित महतो की धाक किसी भी प्रकार से कम नहीं हुई हैं, और एक नेता के लिए, एक पार्टी कार्यकर्ता के लिए इससे दूसरी कोई बड़ी बात हो ही नहीं सकती। आज अमित महतो झारखण्ड में कुर्मियों का, झामुमो का तथा युवाओं का एक बड़ा नाम बन चुका है।

सिल्ली की स्थिति ऐसी है कि जब भी वहां विधानसभा चुनाव होंगे और अमित महतो खड़ा हो गया तो जीत के लिए किसी से पूछने की जरुरत नहीं, जीत अमित महतो की ही होगी, क्योंकि अमित महतो ने जनता के बीच सीधा संबंध बनाया है, जो किसी ने नहीं बनाया। अगर किसी कारणों से अमित महतो को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया तो जीतेगा वहीं, जिस पर अमित महतो हाथ रखेगा, क्योंकि जनता तो जनता है, वह उसी को चाहेगी, जो उसका होगा।

सिल्ली में क्या बुढ़ा, क्या जवान, क्या महिलाएं, सभी के जुबान पर अमित महतो का नाम हैं, अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद, थोड़ा यहां मायूसी स्पष्ट दिखाई देता हैं, क्योंकि जनता को यह सजा सुनाया जायेगा और उनकी विधायकी चली जायेगी, इसका अंदाजा नहीं था। कई तो कहते है कि अदालत कुछ भी सजा सुना दें, पर उसका नेता और उसका विधायक तो अमित महतो ही है। अमित महतो की लोकप्रियता से अमित महतो के विरोधी भी पस्त हैं, उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि क्या करें और क्या न करें?

उन्हें लगा था कि अमित महतो की विधायकी समाप्त हो जाने के बाद, उनका रास्ता क्लियर हो जायेगा, पर स्थितियां ठीक उसके उलट हैं, आज भी जीत अमित की ओर ही निहार रही हैं, कुछ लोग तो यह भी कहते है कि अमित को फंसाया गया है, और उसको जिसने भी फंसाया, वह जान लें कि सिल्ली की जनता अमित महतो को भूलने या ठुकराने नहीं जा रही, अमित, अमित हैं और वह सिल्ली की जनता की अमानत है, सम्मान है।