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बंगाल के दंगा प्रभावित इलाकों से हिन्दूओं का पलायन जारी, ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रोश

बंगाल के दंगा प्रभावित इलाकों से बड़े पैमाने पर हिन्दूओं का पलायन जारी हैं, ये हिन्दू अपने बहू-बेटियों और परिवार के साथ ऐसे जगहों पर जा रहे हैं, जहां उनके जान-माल और सम्मान सुरक्षित रह सकें। एबीपी न्यूज ने अपने रिपोर्टर प्रकाश सिन्हा के हवाले से रिपोर्ट दी है कि बंगाल की स्थिति भयावह हैं। दंगा प्रभावित इलाकों में दंगा को शांत कराने के लिए गई पुलिस पर दंगाई भारी पड़ रहे है, राज्य की इस भयावह स्थिति को देख, हिन्दूओं का समूह बड़े पैमाने पर अपने परिवार के साथ उन इलाकों से पलायन करने को मजबूर हैं, जहां वह कई सालों से गुजर-बसर कर रहा था।


इधर बंगाल की इस बदतर हालातों पर न ध्यान देकर, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं, और दिल्ली जाकर उन नेताओं से गुफ्तगूं करने में व्यस्त हैं, जो नरेन्द्र मोदी या भाजपा को फूंटी आंखों देखना पसंद नहीं करते। शायद बंगाल की ममता बनर्जी को यह आभास हो गया है कि आनेवाले समय में जब भी कभी चुनाव होंगे, उनकी पार्टी की हालत पस्त होनी तय हैं, इसलिए वह भाजपा के खिलाफ सारे विपक्षी पार्टियों को गोलबंद करने में लगी हैं। रानीगंज, आसनसोल में भड़की सांप्रदायिक हिंसा से सामान्य  जन-जीवन प्रभावित हैं, वहीं इन दंगाइयों से बचने के लिए जिसके पास जो बन पड़ा हैं, वह वहां से खिसक लेना चाह रहा हैं, ज्यादा खराब हालत उन हिन्दूओं की हैं, जो मुस्लिम बहुल इलाकों में हैं।

पलायन कर रहे लोगों का गुस्सा बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हैं, वे साफ कह रहे हैं कि वह एक समुदाय विशेष को मदद कर रही है, हिन्दूओं की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर रही, वह अपने परिवार तथा छोटे-छोटे बच्चों को लेकर, वैसे जगहों पर जा रहे हैं, जहां उनकी जान माल और इज्जत सुरक्षित रह सके। दंगाइयों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि आसनसोल के पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी नारायण मीणा दंगाइयों से बचने के लिए खुद हेलमेट लगाकर, कार में बैठे दिखाई पड़े।

आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रियो इन सारी घटनाओं के लिए, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पं. बंगाल की तीन जिले मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं जहां इनकी आबादी 55 से 70 प्रतिशत हैं, जबकि आसनसोल में इनकी आबादी 20 प्रतिशत हैं, ऐसे पूरे राज्य में मुस्लिमों की संख्या 27% है। ममता बनर्जी अपने मुस्लिम वोटरों को कभी भी अपने खिलाफ देखना पसंद नहीं करती, इसलिए लोगों का कहना हैं, उनका मुस्लिमों के प्रति सॉफ्ट कार्नर हैं, जबकि बुद्धिजीवियों का कहना है कि बंगाल में इस प्रकार की बढ़ती घटना, बंगाल की विरासत और संस्कृति पर दाग लगा रहा हैं, अगर ऐसी घटना बार-बार होगी तो राजनीतिज्ञों का कुछ नहीं जायेगा, पर कई वर्षो तक शांत रहनेवाला यह बंगाल फिर अशांत हो जायेगा। इधर बंगाल में बढ़ती हिंसा व सांप्रदायिकता के लिए बुद्धिजीवी भी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही दोषी ठहराते हैं।