राजनीति

झामुमो ने CM रघुवर की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की मांग स्पीकर से की

झामुमो विधायक सह सचेतक प्रतिपक्ष नलिन सोरेन ने, झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ गाली-गलौज किया है, जो खतरनाक परंपरा की शुरुआत है। आज पुरा देश उनकी ओर देख रहा है कि स्पीकर इस पर क्या निर्णय लेते है?

सदन की मर्यादा की रक्षा के लिए स्पीकर द्वारा आवश्यक कार्रवाई किये जाने की अपेक्षा झारखण्ड का जनमानस कर रहा है। संसदीय व्यवस्था के इस संकट की घड़ी में प्रतिपक्ष मांग करता है कि स्पीकर अपने कर्तव्यों का निर्वहण दृढ़तापूर्वक करें तथा श्री रघुवर दास, सदस्य, विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुनायें, ताकि विधानसभा के मर्यादा की रक्षा हो सकें। स्पीकर को लिखा गया पत्र इस प्रकार है –

सेवा में,

माननीय अध्यक्ष, झारखण्ड विधानसभा, रांची।

महाशय,

झारखण्ड विधान-सभा लोकतांत्रिक व्यवस्था में वो सर्वोच्च मंच है, जहां पर घटित होनेवाली घटनाएं, वाद-विवाद, लिये जानेवाले निर्णय, इस राज्य के बारे में न सिर्फ बहुत कुछ कहती है, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा एवं दशा भी तय करती है। यह जनमानस की अपेक्षा तथा संवैधानिक व्यवस्था है कि लोक सभा और विधान-सभा में आचरण एवं व्यवहार के उच्चतम मापदंडों के साथ सदन की कारर्वाई संचालित हो। इन मापदंडों को सुनिश्चित करने की महती जिम्मेवारी लोक सभा एवं विधान सभा के माननीय अध्यक्षों के कंधों पर है। संविधान की धारा 194 (3) के अंतर्गत विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की कार्रवाई मर्यादित एवं उपयोगी ढंग से संचालित करने हेतु अपार शक्तियां प्रदान की गई है। दुर्व्यवहार एवं अमर्यादित आचरण करनेवाले सदस्यों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का अधिकार माननीय अध्यक्ष, विधानसभा को प्राप्त है। आपने पूर्व में इन अधिकारों का उपयोग किया भी है।

दिनांक 15.12.2017 को माननीय मुख्यमंत्री झारखण्ड द्वारा सदन में किये गये आचरण से पुरे देश में झारखण्ड शर्मसार हुआ है। सदन की मर्यादा तार-तार हुई है। सदन नेता, माननीय मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों के विरुद्ध भरे सदन में अपशब्द बोले हैं। भारत के संसदीय इतिहास में सदन नेता द्वारा सदन में गाली-गलौज किये जाने की संभवतः यह पहली घटना है।

आप सहमत होंगे कि सदन में, सदन नेता, माननीय मुख्यमंत्री द्वारा गाली-गलौज किया जाना न सिर्फ निन्दनीय है, बल्कि ये एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है। किसी भी सदस्य को सदन में ऐसे शब्दों के उपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती है। स्पष्ट है सदन नेता ने लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच की मर्यादा गिरायी है तथा इस अमर्यादित आचरण के बाद वे सदन का सदस्य रहने लायक नहीं है।

अध्यक्ष महोदय, आज पुरा देश आपकी ओर देख रहा है। सदन की मर्यादा की रक्षा के लिए आपके द्वारा आवश्यक कार्रवाई किये जाने की अपेक्षा झारखण्ड का जनमानस कर रहा है।

संसदीय व्यवस्था के इस संकट की घड़ी में हम मांग करते है कि आप अपने कर्तव्यों का निर्वहण दृढ़तापूर्वक करें तथा श्री रघुवर दास, सदस्य, विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुनायें, ताकि विधानसभा के मर्यादा की रक्षा हो सकें।

नलिन सोरेन

मुख्य सचेतक

प्रतिपक्ष