अपनी बात

गढ़वा में भाजपाइयों ने स्कूली बच्चों को नया मतदाता बता, नव मतदाता सम्मेलन किया संपन्न

पूरे राज्य में चुनाव का माहौल है, भाजपाई तो इस बार 65 प्लस के संकल्प के साथ मैदान में कूद पड़े हैं, और इसके लिए वे झूठ का भी सहारा लेने से नहीं चूक रहे। जरा देखिये इस फोटो को, इस फोटो को देखने के बाद एक सामान्य व्यक्ति भी बता देगा कि ये स्कूली बच्चे हैं, कि नये मतदाता और इन्हीं स्कूली बच्चों को नये मतदाता के रुप में उनके गले में भाजपा का पट्टा डालकर, गढ़वा के भाजपाइयों ने नवमतदाता सम्मेलन संपन्न कर लिया और जमकर अपनी पीठ थपथपाई।

गढ़वा के कचहरी रोड स्थित उत्सव गार्डेन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसे भारतीय जनता युवा मोर्चा की गढ़वा इकाई ने आयोजित किया था। मंच पर भाजपा के स्थानीय मूर्धन्य नेताओं का जमावड़ा था, पर किसी ने यह कहने की कोशिश नहीं की, कि नव मतदाता सम्मेलन में इन स्कूली बच्चों का क्या काम? आखिर इन्हें यहां किसने बुलाया और बच्चों के गले में भाजपाई पट्टे डालने का क्या मतलब?

सभी मस्ती में थे, 65 प्लस को लेकर झूम रहे थे, जबकि वही कई लोग ऐसे भी थे, जो मन ही मन इन स्कूली बच्चों को देख, भारतीय जनता पार्टी की असलियत को देख गंभीर नजर आये। ऐसे लोगों का कहना है कि हवा में जो लोग बात कर रहें, उन्हें हवाहवाई बात करना बंद करनी चाहिए, क्योंकि आज का यह आयोजन और स्कूली बच्चों का इसमें शामिल होना इस बात को बताता है कि गढ़वा में भाजपा की स्थिति दयनीय है। गढ़वा जिले की सभी सीटों पर भाजपा के हालत पस्त दिख रहे हैं, यही सच्चाई है।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि आज का गढ़वा में आयोजित नव मतदाता सम्मेलन बताता है कि भाजपा यहां स्कूली बच्चों को पार्टी में शामिल कराकर गढ़वा में अपना जीत सुनिश्चित करायेगी, क्योंकि उसके पास नव मतदाता की जगह स्कूली बच्चे ही अब बचे हैं। कुछ ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा 2024 की लोकसभा विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही हैं, तब तक ये स्कूली बच्चे, कॉलेज जाने लायक हो जायेंगे और संभव है इसमें कुछ मतदाता भी हो चुके होंगे, ऐसे में भाजपा बहुत दूर की सोच रही हैं, 2019 के साथसाथ वह 2024 पर भी उसकी नजर है।

उधर विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि गढ़वा में इस बार भाजपा साफ है, क्योंकि आज भी गढ़वा के लोग मुख्यमंत्री रघुवर दास के उस बयान को नहीं भूले हैं, जिसमें उन्होंने एक समुदाय विशेष पर कटाक्ष करते हुए, उसके सम्मान के साथ खेलने की कोशिश की थी, ये लोकसभा का चुनाव नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव है, यहां स्थानीय मुद्दे ही हावी होंगे, और आज का इनका नवमतदाता सम्मेलन में नये मतदाताओं की जगह स्कूली बच्चों का पहुंचना और उन्हीं से नव मतदाता सम्मेलन सम्पन्न कराना, बताता है कि यहां भाजपा फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है।