राजनीति

हेमन्त का जादू डालटनगंज नगर निगम चुनाव पर भी, झामुमो का पलड़ा भारी

राज्य में पहली बार हो रहे दलीय आधार पर नगर निगम के चुनाव में आज हम बात कर रहे है डालटनगंज की। डालटनगंज को मेदिनीनगर के नाम से भी जाना जाता है। झारखण्ड के प्रथम विधानसभाध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने डालटनगंज का नाम मेदिनीनगर रखवाया था, जो अब धीरे-धीरे सभी के जुबां पर चढ़ रहा है। यह नगर निगम भी मेदिनीनगर नगर निगम के नाम से जाना जाता है।

भाजपा ने यहां से मेयर पद के लिए मोहन सिनेमा के मालिक आनन्द शंकर की पत्नी अरुणा शंकर को तथा डिप्टी मेयर के लिए मंगल सिंह को अपना कैंडिडेट बनाया है। कांग्रेस ने मेयर पद पर जीवन सिंह तथा डिप्टी मेयर पद पर मनोज सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। झामुमो ने मेयर पद पर निर्मला तिवारी तथा डिप्टी मेयर पद पर परमेन्दर कुमार उर्फ बाबू को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि झारखण्ड विकास मोर्चा ने मेयर पद पर गीता देवी तथा डिप्टी मेयर पर सुरेश अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व में डालटनगंज नगरपालिका की चेयरमैन रह चुकी पूनम सिंह भी मेयर पद पर अपना किस्मत आजमा रही है।

डालटनगंज का इलाका समाजवादियों का इलाका है, अगर विधानसभा की बात करें तो यहां से पार्टी कोई भी हो, पर जीते समाजवादी ही है, ये इंदर सिंह नामधारी का इलाका है, नामधारी जी का इस इलाके में आज भी वर्चस्व है, उनका सम्मान है। इस बार जितने भी उम्मीदवार खड़े हैं, या पार्टियों ने खड़ा किया हैं, उनकी अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा बहुत कम ही दीखती है, ये पार्टी के लोग भी समझते हैं। भाजपा ने जो मेयर पद के लिए अरुणा शंकर को अपना प्रत्याशी बनाया है, उनका कभी भाजपा के साथ संबंध नहीं रहा, फिर भी वो भाजपा की कैंडिडेट हैं।

भाजपा और भाजपाइयों के खिलाफ आम जनता में गुस्सा इतना है कि लोग भाजपा के नाम से ही बिदकते हैं, ऐसे में यहां भाजपा जीत पायेगी, कहना मुश्किल है। ब्राह्मण समुदाय तो भाजपा से खिन्न है। ब्राह्मणों को इस पार्टी द्वारा सम्मान नहीं दिये जाने तथा कुछ महीने पहले ब्राह्मणों के खिलाफ गढ़वा में दिये गये सीएम रघुवर के बयान को लोग आज तक नहीं भूले है, कई युवा आज भी इस पैगाम को जन-जन तक, यह कहकर पहुंचा रहे है कि ब्राह्मण समुदाय अपने अपमान को भूले नहीं, मौका आया है, वोट से सीएम को जवाब दे दें, ताकि पता चले कि अपमान क्या होता है?

लोग बताते है कि यहां झामुमो का पलड़ा भारी है, क्योंकि झामुमो ने मेयर पद पर निर्मला तिवारी को उतार दिया है, अगर निर्मला तिवारी की बात करें तो इनकी छवि और पारिवारिक छवि यहां सभी खड़े उम्मीदवार से बेहतर है, वहीं डिप्टी मेयर पर खड़े परमेन्दर कुमार उर्फ बाबू जो पूर्व में यहां से उपाध्यक्ष भी रह चुके है, मैदान में है, इनकी छवि भी सब पर भारी है, इसलिए झामुमो यहां पहले स्थान पर फिलहाल दिखाई पड़ रहा है, भाजपा की स्थिति यहां किसी भी प्रकार से ठीक नहीं,

झाविमो की हालत भी यहां पतली ही दीख रही हैं, पर कांग्रेस के मेयर पद पर खड़े जीवन सिंह तथा डिप्टी मेयर पद पर खड़े मनोज सिंह चुनौती देते हुए दिखाई पड़ रहे हैं, यानी अगर यहां लड़ाई होगी तो झामुमो, कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होगी, या जीतेगा तो इन्हीं में से कोई, ये तय है। डालटनगंज में झामुमो प्रत्याशी के जीत के पीछे सामाजिक समीकरण तथा प्रत्याशी का बेहतर चुनाव है, वहीं भाजपा के पीछे होने का कारण उम्मीदवारों का सही चुनाव न होना, तथा भाजपा कार्यकर्ताओं का निष्क्रिय हो जाना, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों की अगर जीत होती है, तो उसके पीछे उनकी उम्मीदवारी तथा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जुझारुपन ही स्पष्ट रुप से दीखेगा।