भगत सिंह, गांधी और शास्त्री जी से भी महान है झारखण्ड के CM, इसलिए बैनर सिर्फ रघुवर दास का लगेगा

दुर्भाग्य देखिये, इस देश का शहीदे आजम भगत सिंह की 111 वीं जयंती, तो महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती की ओर हम अग्रसर हैं, संयोग से जिस दिन महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है, ठीक उसी दिन देश के महान सपूत, जय जवान जय किसान का नारा देनेवाले, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती हैं और ये तीनों महान आत्मा अपने ही देश में अपमानित हो रहे हैं, और इसे अपमानित कौन कर रहा हैं, वह पार्टी जो देशभक्त होने का ठेका ले रखा है, जो दावा करता है कि अगर कोई देशभक्त हैं तो सिर्फ वहीं है, बाकी तो सभी देशद्रोही है, जिसने घोर राष्ट्रवादी होने का तमगा खुद ले रखा है।

आखिर हमें ऐसा क्यों लिखना पड़ा, आइये इस पर नजर डालते है। धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा में पड़ता है, कतरास। यहीं थाना चौक पर एक तोरणद्वार बना था, जिसमें मुहर्रम को लेकर, मुस्लिम भाइयों का मनोबल बढ़ाने के लिए, कुछ संगठनों ने बैनर आदि लगाये थे, मुहर्रम समाप्त हो चुका, और अब 28 सितम्बर को शहीदे आजम भगत सिंह की 111 वीं जयंती, तथा 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती आनेवाली थी, जिसे देखते हुए कतरास की जागो संस्था ने इन महान सपूतों के जयंती मनानेवाली बैनर लगाने की अनुमति कतरास पुलिस से मांगी, जिसे कतरास पुलिस ने दे दी और फिर शुरु हुआ  26 सितम्बर को इन महान सपूतों के चित्रों वाली बैनर लगाने का काम।

जैसे ही बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो के समर्थकों को इस बात की जानकारी मिली, इन भाजपाइयों ने भगत सिंह, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की चित्रों वाली बैनर उतरवाने के लिए हंगामा खड़ा कर दिया। अब बेचारी कतरास पुलिस क्या करती, वह जागो संस्था के लोगों पर बरस पड़ी, कि वह भगत सिंह, महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री का बैनर क्यों लगा रही है, यहां तो झारखण्ड के महान आत्मा रघुवर दास जी का बैनर लगेगा, क्योंकि वे पांच अक्टूबर को कतरास पधारनेवाले हैं।

आनन-फानन में, भाजपा विधायक ढुलू महतो के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता कही नाराज न हो जाये, भगत सिंह, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री वाली बैनर को नीचे उतरवा दिया गया, जिससे ढुलू महतो के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता अति प्रसन्न होकर, कतरास थाना प्रभारी की प्रशंसा करते हुए, निकल गये।

अब सवाल उठता है कि क्या सचमुच झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास हमारे भगत सिंह, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री से भी आगे निकल गये। अरे सीएम रघुवर दास का बैनर ही लगाना था और वे 5 अक्टूबर को कतरास आनेवाले थे, तो तीन अक्टूबर से उनका यानी सीएम रघुवर दास का बैनर लगा देते, इसी बीच भगत सिंह, महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री का जयंती भी खत्म हो जाता और आप अपना काम भी करा लेते, लेकिन इन तीनों महापुरुषों को कतरास थाना चौक पर बैनर लगने नहीं देना, ये क्या बताता है?

हमारे विचार से धनबाद में जो भी कुछ हो रहा है, और जिसके इशारे पर ये सब हो रहा है, यह किसी भी प्रकार से ठीक नहीं, इसे सभी को समझ लेना चाहिए। भगत सिंह, महात्मा गांधी, और लाल बहादुर शास्त्री की महानता को, जो आजकल कम करके आंकने और उन्हें अनादर करने की जो नई परंपरा भाजपाइयों ने शुरु की है, इसका खामियाजा इन्हें आनेवाले समय में भुगतना ही पड़ेगा, क्योंकि सत्ता की जो दादागिरी इन्होंने शुरु की है, ये दादागिरी ज्यादा दिनों तक नहीं चलनेवाली। जिन लोगों ने भगत सिंह, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रोंवाली बैनरों को टंगने नहीं दिया, उसे उतरवाने को विवश किया, वे कितने देशभक्त है? ये अब बताने की जरुरत नहीं, वक्त हर का इलाज करने को काफी है, बस वक्त का इंतजार करिये।