अपराध

रीना को अश्लील फोटो भेजनेवाला BJYM नेता की रक्षा में लगी सरकार और पुलिस, महिला आयोग से गुहार

गजब चल रही है, झारखण्ड में रघुवर सरकार और गजब ढा रही है यहां की पुलिस। यहां की पुलिस किसी भी पीड़िता का न तो प्राथमिकी दर्ज करती है और न ही जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होती है, उस प्राथमिकी की जांच कर, आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रयास करती है, ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है? इसके लिए आपको ज्यादा दिमाग लगाने की जरुरत नहीं हैं, ये आपको तब तक झेलना होगा, जब तक राज्य में रघुवर सरकार है।

ताजा मामला पतरातू का है, जहां की रीना कुमारी को एक भाजयुमो का नेता उसके मोबाइल पर अश्लील तस्वीर भेजता है, जिसके खिलाफ वह प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए स्थानीय थाने पहुंचती है, जहां उसे प्राथमिकी दर्ज कराने में नाको चने चबाने पड़ते है, और जब प्राथमिकी दर्ज होती हैं तो उस पर कानूनी कार्रवाई नहीं होती, हार-थककर रीना कुमारी ने कल राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया, साथ ही पुलिस महानिदेशक तथा अन्य पुलिस पदाधिकारियों के यहां जाकर गुहार लगाई, पर इसके बावजूद भी रीना को न्याय मिलेगा, ये कहना मुश्किल है, क्योंकि यहां तो सरकार ही अजब-गजब है।

रामगढ़, पीटीपीएस, हनुमानगढ़ी की रीना का कहना है कि दिनांक 11 अक्टूबर 2018 की शाम लगभग 4.06 बजे उसके मोबाइल पर फेसबुक मैंसेंजर पर एक अश्लील तस्वीर भेजी गई, जिसके बाद लगातार घंटों तक अश्लील मैसेज भेजा जा रहा था। रीना का फेसबुक आइडी रीना कुमारी के नाम से बना हुआ है। यह भेजी गई तस्वीर धर्मेन्द्र बीजेवाइएम, रामगढ़ से भेजा जा रहा था।

यह आइडी धर्मेन्द्र कुमार सिंह, पिता – स्व. चेतनारायण सिंह, ग्राम – ह्नुमानगढ़ी, पीटीपीएस थाना, पतरातू का है। तत्पश्चात् उसने थाना प्रभारी को इस संबंध में आवेदन दिया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय, रामगढ़ के पत्रांक संख्या 05/साइबर सेल दिनांक 27 अक्टूबर 2018 को, पतरातू थाना दैनिकी संख्या 13/18 एवं 14/18 दिनांक 27 अक्टूबर 2018 के द्वारा दोनों मोबाइलों को जांच के लिए, पुलिस उपाधीक्षक साइबर थाना रांची को भेजा गया है, लेकिन साइबर सेल यह लिखकर लौटा दिया कि प्राथमिकी नहीं रहने के कारण, इसकी जांच संभव नहीं है।

काफी दौड़-धूप के बाद दिनांक 30 अक्टूबर 2018 को P.S. Case – 326/18 U/S 354,354A(2)(3)(4) एवं PC 67/67(A) आइटी एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज किया गया। प्राथमिकी लॉज होने के बाद भी आज तक दोनों मोबाइल को पुनः जांच के लिए नहीं भेजा जा रहा है और न ही कोई कानूनी कार्रवाई की जा रही है, ऐसी परिस्थिति में वो मानसिक एवं सामाजिक तनाव में गुजर रही है। कॉलोनी में समाज के बीच रहना, उसका मुश्किल हो गया है। अतः राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष से आग्रह है कि वह एक नारी के सम्मान की रक्षा करने की कृपा करें।

रीना ने इस आवेदन के साथ-साथ, 1. थाना प्रभारी को दिये आवेदन की छायाप्रति, 2. प्राथमिकी की छायाप्रति, 3. पुलिस अधीक्षक, रामगढ़ को दिये गये आवेदन की छायाप्रति, 4. उपायुक्त रामगढ़ को दिये गये आवेदन की छाया प्रति। 5. पुलिस अधीक्षक कार्यालय रामगढ़ को दिये गये आवेदन की छायाप्रति, 6. पुलिस उपाधीक्षक रामगढ़ को दिये गये आवेदन की छायाप्रति भी उपलब्ध करा दी है।

रीना ने यहीं गुहार, इन सारे छायाप्रतियों के साथ. पुलिस उपमहानिरीक्षक, उत्तरी छोटानागपुर, हजारीबाग, पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड और पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड से भी लगाई है, पर रीना की बात झारखण्ड के वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में सुनी जायेगी, इसकी संभावना कम दिख रही है, क्योंकि सारे जगह वहीं लोग मौजूद है, जिन्हें कानून से ज्यादा, किसी महिला के सम्मान से ज्यादा, अपनी फिक्र है, उन लोगों की फिक्र है, जिनकी कृपा से वे फिलहाल परमानन्द की प्राप्ति कर रहे हैं।