अपनी बात

कमर भर बाढ़ का पानी फिर भी शान से तिरंगा लहराया भारत-बांगलादेश सीमा पर BSF के जवानों ने

अभिनन्दन करिये, ऐसे वीर जवानों का जो कमर भर बाढ़ के पानी में दिन-रात समय बीता रहे हैं, और ऐसे विपरीत परिस्थितियों में भी राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनाने में, वे नहीं चूंके, भाई तिरंगा और भारतीय स्वतंत्रता दिवस का पर्व हैं ही ऐसा। कल विपरीत परिस्थितियों में भारत-बांगलादेश सीमा पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, राष्ट्रीय गीत गाया, स्वतंत्रता दिवस मनाया, बीएसएफ के जवानों ने।

गर्व करिये अपने इन वीर जवानों पर, जो कहीं भी रहकर, विपरीत परिस्थितियों में भी अपने तिरंगे की शान को बरकरार रखना नहीं भूलते। हम इन जवानों से हजारों मील दूर बैठे है, अपने परिवार के साथ, वह भी सुखपूर्वक, पर जरा इन्हें देखिये, चारो ओर पानी ही पानी, कहीं जमीन भी नहीं दिखाई पड़ती, जहां ये खड़ा भी हो सकें, कमर भर पानी, स्वतंत्रता दिवस का दिन और ये चल पड़े राष्ट्रीय ध्वज फहराने।

बड़ी संख्या में बीएसएफ के जवान अपनी वर्दी में तिरंगा फहराने के लिए कमर भर पानी में उतर गये। उधर सीटी बजी, राष्ट्रीय ध्वज ऊंचाई पर जाकर लहराने लगा। तिरंगे को देख सबके सीने गर्व से भर उठे हैं। तिरंगा जो सबका शान है, लहरा रहा है, और सारे कष्ट उस लहराते तिरंगे को देखकर दूर, परिवार का संकट भी दूर, बस मन में एक ही भाव तिरंगा लहरा रहा है, यानी हमारे परिवार के लोग भी कहीं भी होंगे, खुश होंगे।

पूरा नार्थ ईस्ट का इलाका फिलहाल शेष भारत से कटा हुआ है, बाढ़ ने बिहार, बंगाल, असम तथा नार्थ ईस्ट इलाके को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक तरफ बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बाढ़-पीड़ितों और आम लोगों को बचाने की जिम्मेवारी, दूसरी तरफ सीमा की सुरक्षा की महती जिम्मेवारी और तीसरा तिरंगे की शान बरकरार रखने की जिम्मेवारी और तीनों में ये बीएसएफ के जवानों ने दिखा दिया कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग है।

किसी ने ठीक ही कहा है कि जब सीमा पर जवान जगते हैं, तो हम चैन से सोते हैं, उन्होंने जिस शान से कमर भर बाढ़ के पानी में जाकर तिरंगा को सम्मान दिया, स्वतंत्रता दिवस मनाया, ऐसे वीर बीएसएफ के जवानों को हम दिल से सलाम करते हैं।